पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने खेला होबे का नारा देकर भारतीय जनता पार्टी को करारी पटखनी दी है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी हैट्रिक मारते हुए तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गईं। इसके बाद भी पश्चिम बंगाल की राजनीति खेला होबे नारा बीजेपी पर भारी पड़ सकता है।
कोलकता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ‘खेला होबे’ का नारा देकर भारतीय जनता पार्टी को करारी पटखनी दी है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी हैट्रिक मारते हुए तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गईं हैं। इसके बाद भी पश्चिम बंगाल की राजनीति ‘खेला होबे’ नारा बीजेपी पर भारी पड़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए कुछ विधायक तृणमूल कांग्रेस में वापसी की राह देख रहे हैं। इन विधायकों की संख्या 33 बताई जा रही है। हालांकि, इन खबरों का बीजेपी ने खंडन किया है। हालांकि पूर्व टीएमसी नेता सरला मुर्मू, सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास पहले ही खुलकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं।
पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिर से उठापटक होने की सुगबुगाहट तेज है। बता दें कि चुनाव के पहले टीएमसी से भी 33 विधायक ऐसे थे, जो भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन इनमें से केवल 13 को पार्टी ने टिकट दिया था।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि 33 विधायक तो टीएमसी के संपर्क में हैं ही, इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु भी तृणमूल ज्वाइन करना चाहते हैं। हालांकि भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने इसे अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग मुझे 33 का आंकड़ा दे रहे हैं, मैं उन्हें 72 की तादाद बता रहा हूं, क्योंकि यह दावा झूठा है। बता दें कि सुभ्रांशु के बीजेपी में जाने की अटकलें तब तेज हुईं थीं, जब उन्होंने अपनी एक पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार को निशाने पर ले लिया था
उन्होंने फेसबुक पर लिखा था कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार की आलोचना करने के बजाय आत्मनिरीक्षण करना बेहतर है। बता दें कि सुभ्रांशु रॉय को बीजेपी ने बीजपुर से टिकट दिया था, लेकिन वे जीतने में कामयाब नहीं हो सके।
वहीं ऐसी चर्चा है कि टीएमसी भाजपा विधायकों को दोबारा पार्टी में शामिल करने के मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहती। टीएमसी सांसद शुखेंदु शेखर राय के अनुसार शनिवार को दोपहर तीन बजे पार्टी कार्यालय में मीटिंग है। उसमें इस मुद्दे पर भी बात हो सकती है।
बता दें कि ऐसे कई विधायक हैं जो टीएमसी में जाने की बात अब खुलकर कह रहे हैं। सरला मुर्मु, पूर्व विधायक सोनाली गुहा और फुटबॉलर से राजनेता बने दीपेंदू विश्वास ने साफ कर दिया है कि वे दोबारा टीएमसी ज्वाइन करना चाहते हैं। मुर्मु को टीएमसी ने हबीबपुर से टिकट दिया था। इसके बावजूद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसी प्रकार पूर्व विधायक सोनाली गुहा भी घर वापसी के इंतजार में हैं। उन्होंने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा है, ‘जिस तरह मछली पानी से बाहर नहीं रह सकती, वैसे ही मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगी, दीदी’। वहीं फुटबॉलर से राजनेता बने दीपेंदु विश्वास ने भी ममता को पत्र लिखकर टीएमसी में शामिल होने की इच्छा जताई है। बता दें कि बंगाल की 294 में से 213 सीटें टीएमसी ने जीती हैं। वहीं 77 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है।