नई दिल्ली: आज के समय में दुनियाभर में कैंसर एक बहुत गंभीर बीमारी बन चुकी है। इससे पार पाना किसी के लिए भी काफी मुश्किल होता है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल दुनियाभर में आज ही दिन यानी कि 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
तो आइए जानिए आज इस बीमारी से जुड़ी कुछ छोटी लेकिन बड़े काम की बातों के बारे में। आज हम आपको यहां 5 प्रकार के सिस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं…
ये छोटे, धीरे बढ़ने वाले मुलायम सिस्ट होते हैं। यह रोगी के चेहरे, सिर, गर्दन, पीठ और निजी अंगों में हो सकते हैं। बताया जाता है कि ये त्वचा के भीतर केरेटिन के निर्माण की वजह से पाए जाते हैं। ये पीले या फिर त्वचा के रंग के जैसे होते हैं।
ये वाले सिस्ट चेहरे, गर्दन या धड़ पर पाए जाते हैं। बताया जाता है कि बड़े सिस्ट दबाव या दर्द का कारण बन सकते हैं। जो कि ये कैंसर निरोधी भी होते हैं।
यह गोलाकार, द्रव से भरे ऊतकों की गांठ होती है, जो कि जोड़ों के आस-पास देखी जा सकती है। इसमें द्रव का जमा होना, चोट, ट्रॉमा या जरूरत से ज्यादा किसी अंग विशेष के प्रयोग के कारण होता है।
लाजिया एक छोटा सा और ज्यादातर दर्द रहित गांठ या सूजन होती है, जो आंखों के ऊपरी या निचली पलक पर पाई जाती है। बता दें कि ऐसा अवरुद्ध तेल ग्रंथि के कारण ऐसा होता है।
बताया जाता है कि यह शरीर में त्वचा के अंदर सिस्ट बन जाने से होता है। बता दें कि ये हार्मोन में बदलाव, बैक्टीरिया का संक्रमण, तैलीय और रुखी त्वचा कोशिकाओं के संयोजन से पनपते हैं और फिर ये रोमछिद्रों में फंस जाते हैं। जबकि यह कई बार घातक भी साबित होता है।