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Wrestlers News : अब साक्षी, विनेश और पूनिया के खिलाफ पहलवानों ने खोला मोर्चा, धरना देने को तैयार!

जंतर मंतर पर बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और साक्षी मलिक (Sakshi Malik) समेत छह पहलवानों को छूट दिये जाने के मामले पर कई पहलवानों ने मोर्चा खोल दिया है।

By Abhimanyu 
Updated Date

नई दिल्ली। जंतर मंतर पर बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और साक्षी मलिक (Sakshi Malik) समेत छह पहलवानों को छूट दिये जाने के मामले पर कई पहलवानों ने मोर्चा खोल दिया है। इन पहलवानों में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन चैंपियनशिप की पदक विजेताओं सहित कई महिला पहलवान शामिल हैं। जिन्होंने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को चलाने वाली तदर्थ समिति को एशियन गेम्स के ट्रायल्स (Asian Games Trials) में छूट दिये जाने के मामले में पत्र लिखा है।

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तदर्थ समिति को लिखे गए पत्र में पहलवानों ने एशियन गेम्स (Asian Games) के लिए निष्पक्ष ट्रायल्स (Fair trials) कराने की मांग की है। पहलवानों ने चेतवानी दी है कि समिति अगर भेदभाव पूर्ण फैसला करती है तो वह प्रदर्शन करने और कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए तैयार हैं। रोहतक के सर छोटूराम अखाड़े की 24 महिला पहलवानों ने भारतीय खेल प्राधिकरण ( साई) के महानिदेशक संदीप प्रधान को भी पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह दो चरण के ट्रायल या प्रदर्शनकारी पहलवानों को मिलने वाली छूट को स्वीकार नहीं करेंगे।

पत्र की प्रति गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Sports Minister Anurag Thakur) को भी भेजी गई है। जिसमें लिखा, ‘भले ही तीन पहलवानों को छूट दी जा रही हो पर यह युवाओं के साथ गलत होगा। हमें लगता है कि यह निर्णय (दो चरण का ट्रायल) देश के अन्य उभरते पहलवानों के लिए अनुचित और अन्यायपूर्ण है क्योंकि हमें लगभग चार से पांच मुकाबले और एक और क्वालीफाइंग मुकाबला (Qualifying match) लड़ना और जीतना है और इसके विपरीत उन्हें क्वालीफाई (Qualify) करने के लिए केवल एक मुकाबला लड़ना होगा जो कि पक्षपातपूर्ण, अनुचित और समानता के अधिकार की भावना के खिलाफ है।’’

तदर्थ समिति के फैसले पर आपत्ति जताते हुए पत्र में कहा गया है ‘भारत लोकतांत्रिक देश है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार दिया जाना जरूरी है। भारतीय संविधान उदार है लेकिन समिति का फैसला किसी एक व्यक्ति विशेष को मिलने वाले अवसर के मूल अधिकारों के खिलाफ है क्योंकि हमें समान मौके नहीं दिए जा रहे हैं और इन छह पहलवानों को बिना किसी उचित कारण के ट्रायल (Trials) में विशेष छूट दी जा रही है जो कि घोर आपत्तिजनक है।’

बता दें कि आईओए (IOA) की ओर से नियुक्त तदर्थ समिति (Tadarth committee) ने 22 और 23 जुलाई को एशियन गेम्स (Asian Games) के लिए ट्रायल्स (Trials) करवाने की घोषणा की है लेकिन इसके लिए क्या मानदंड अपनाए जाएंगे इसका खुलासा नहीं किया। समिति के प्रमुख भूपिंदर सिंह बाजवा (Bhupinder Singh Bajwa) ने 16 जून को विरोध करने वाले छह पहलवानों – बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), विनेश फोगाट (Vinesh Phogat), साक्षी मलिक (Sakshi Malik), संगीता फोगाट (Sangeeta Phogat), सत्यव्रत कादियान (Satyavrat Kadian) और जितेंदर किन्हा (Jitender Kinha) से कहा था कि उन्हें शुरुआती ट्रायल्स (Trials) के विजेता के खिलाफ केवल एक मुकाबला खेलना होगा। आईओए को एशियन गेम्स (Asian Games) में भाग लेने वाले पहलवानों की सूची 23 जुलाई तक सौंपनी है।

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