दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में बड़े बदलाव हो गया है। इब इसके बाद उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें जोरों पर हैं। सूत्रों की मानें तो अगले हफ्ते तक योगी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। इसे विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। कैबिनेट विस्तार की चर्चा ने सूबों के नेताओं में हलचल पैदा कर दी है।
लखनऊ। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में बड़े बदलाव हो गया है। इब इसके बाद उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें जोरों पर हैं। सूत्रों की मानें तो अगले हफ्ते तक योगी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। इसे विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है।विस्तार की चर्चा ने सूबों के नेताओं में हलचल पैदा कर दी है।
अटकलों के मुताबिक, 5-6 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। बता दें कि शुक्रवार को बीजेपी कार्यसमिति की बैठक शुरू हो रही है जिसमें 2022 के चुनाव जीतने की रणनीति के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक 17 से 25 जुलाई के बीच यूपी में मंत्रीमंडल का विस्तार किया जा सकता है।
बता दें कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। यह देखना होगा कि इस विस्तार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सहयोगी दलों का भी समायोजन किया जा सकता है। अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह दी गई है। हालांकि, उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिला है। ऐसे में संभावना है कि उनकी पार्टी के कोटे से यूपी में एक मंत्री बनाया जाए। निषाद पार्टी के संजय निषाद ने खुलकर असंतोष जाहिर किया था। आगामी विस्तार में उन्हें भागीदारी देकर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है। इसके अलावा, पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी से भी कुछ नए चेहरे को जगह दी सकती है।
योगी मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पिछले एक महीने से कवायद है जारी
सूत्रों के मुताबिक, योगी मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पिछले एक महीने से कवायद जारी है। हालांकि सहमति नहीं बन पा रही थी। पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। यूपी में अगले साल चुनाव हैं। इसलिए बीजेपी ने मिशन 2022 को पूरा करने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है। सभी समीकरणों को साधने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री के दौरे से चर्चा तेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के साथ ही सूबे में इस बात को लेकर खुसर-फुसर शुरू हो गई है कि क्या 2022 के चुनाव के लिए बीजेपी ने शंख फूंक दिया है? अब ऐसे में एक प्रश्न और उठता है कि बीजेपी ने पूर्वांचल से इसकी शुरुआत क्यों की है? पार्टी को अच्छे से मालूम है कि जिसका होगा पूर्वांचल उसकी होगी सत्ता ।