यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय (CSJMU) के कमीशनखोर कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई जांच (CBI Investigation) की सिफारिश की थी। योगी सरकार (Yogi Government) के कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई जांच (CBI Investigation) कराने के राज्य सरकार के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) में चुनौती दी गई है।
लखनऊ। यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय (CSJMU) के कमीशनखोर कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई जांच (CBI Investigation) की सिफारिश की थी। अब योगी सरकार (Yogi Government) के कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई जांच (CBI Investigation) कराने के राज्य सरकार के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) में चुनौती दी गई है। इस मामले में अलगी सुनवाई सोमवार नौ जनवरी को होगी।
जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराए जाने की भी मांग की
प्रो. पाठक के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआईआर (FIR) कराने वाले डेविड मारियो डेनिस की इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी। याची के वकील अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी (Advocate Amarendra Nath Tripathi) ने मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराए जाने की भी मांग की है। याचिका में कहा गया है कि एसटीएफ (STF) ने जांच लगभग पूरी कर ली थी। ऐसे में मामले की जांच सीबीआई (CBI) को देकर अभियुक्तों प्रो. विनय पाठक व उसके सहयोगी अजय मिश्रा की मदद का प्रयास किया जा रहा है। अब चार्जशीट दाखिल करने में विलंब होगा। ऐसी स्थिति में जेल में बंद अभियुक्त अजय मिश्रा को जमानत मिल सकती है। वहीं, यह भी कहा गया है कि प्रो. पाठक अभी भी कानपुर विवि के कुलपति हैं और उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
सीबीआई के चार्जशीट दाखिल करने में विलम्ब से जेल में बंद अभियुक्त अजय मिश्रा को मिल सकती हैडिफॉल्ट बेल
कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज वसूली व भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई से कराने के राज्य सरकार के फैसले को स्वयं वादी डेविड मारियो डेनिस ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है। याची के अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि सीबीआई को जांच देने से चार्जशीट दाखिल करने में विलम्ब होगा और ऐसी स्थिति में जेल में बंद अभियुक्त अजय मिश्रा को डिफॉल्ट बेल मिल सकती है। यह भी कहा गया है कि प्रो. विनय पाठक को अब तक न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही
उससे कोई पूछताछ की गई है, वह कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर अब भी बने हुए हैं।
याचिका में मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराए जाने की भी मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रो. पाठक व प्राइवेट कम्पनी के मालिक अजय मिश्रा पर 29 अक्टूबर को इंदिरा नगर थाने में डेविड मारियो डेनिस ने एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि पाठक के आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान उसके कम्पनी द्वारा किए गए कार्यों के भुगतान के लिए अभियुक्तों ने 15 प्रतिशत कमीशन वसूला। उससे कुल एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली अभियुक्तों द्वारा जबरन की जा चुकी है। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि वादी को उक्त अभियुक्तों से जान का खतरा है।