यूपी में जनवरी से अक्टूबर, 2023 तक के ऑकड़ों का विश्लेषण किया जाये तो वर्ष 2022 के सापेक्ष वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 6.6 प्रतिशत, मृत व्यक्तियों की संख्या में 4.1 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है, जोकि अत्यधिक चिंताजनक है।
लखनऊ : यूपी में जनवरी से अक्टूबर, 2023 तक के ऑकड़ों का विश्लेषण किया जाये तो वर्ष 2022 के सापेक्ष वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 6.6 प्रतिशत, मृत व्यक्तियों की संख्या में 4.1 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है, जोकि अत्यधिक चिंताजनक है।
सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी (Supreme Court Committee on Road Safety) के तरफ से दिये गये निर्देशों के क्रम में रेड लाइट जम्पिंग, ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, मालवाहक गाड़ियों में व्यक्तियों को ले जाना, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग, ड्रंकन ड्राइविंग जैसे विभिन्न अपराधों में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) निलम्बन की कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। उल्लेखनीय है कि माह जनवरी से सितम्बर, 2023 तक 11,693 ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) निलम्बन के सापेक्ष 7070 ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) निलम्बित किये गये है, जो कि संतोषजनक नहीं है।
परिवहन आयुक्त चन्द्र भूषण सिंह (Transport Commissioner Chandra Bhushan Singh) ने कहा कि अवगत कराना है कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक बीते दो दिसंबर में मुख्यमंत्री योगी ने यह निर्देशित किया गया कि लगातार तीन बार से अधिक चालान वाले अभियोगों में चालक के ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) , निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए । इसके पश्चात भी ऐसे चालकों द्वारा अपराध की पुनरावृत्ति की जाए तो वाहनों के पंजीयन निलम्बन, निरस्तीकरण की भी कार्रवाई की जाए।
परिवहन आयुक्त चन्द्र भूषण सिंह (Transport Commissioner Chandra Bhushan Singh) ने कहा कि उक्त के क्रम में आपको निर्देशित किया जाता है कि लगातार तीन बार से अधिक चालान वाले अभियोगों में चालक के ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) व निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए तथा ऐसे चालकों द्वारा अपराध की पुनरावृत्ति की जाती है, तो वाहनों के पंजीयन निलम्बन व निरस्तीकरण की कार्रवाई भी की जाये। अतः उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जायेगा ।