अगर आप वाहन चालक हैं आप टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल करते ही होंगे। यदि हां तो यह खबर वाहन चालकों व स्वामियों के लिए बेहद जरूरी है। 31 अक्टूबर के बाद अगर आपने अपनी गाड़ी का नया नो योर व्हीकल (Know Your Vehicle / KYV) वेरिफिकेशन नहीं कराया, तो आपका FASTag बंद हो जाएगा।
लखनऊ। अगर आप वाहन चालक हैं आप टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल करते ही होंगे। यदि हां तो यह खबर वाहन चालकों व स्वामियों के लिए बेहद जरूरी है। 31 अक्टूबर के बाद अगर आपने अपनी गाड़ी का नया नो योर व्हीकल (Know Your Vehicle / KYV) वेरिफिकेशन नहीं कराया, तो आपका FASTag बंद हो जाएगा। यानी फिर से कैश में टोल देना पड़ेगा, जोकि फास्टैग (FASTag) के मुकाबले दोगुना होता है। सरकार ने बताया कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाया गया है, लेकिन आम लोगों को अब एक और प्रक्रिया झेलनी पड़ेगी।
दरअसल, अब तक कई लोग एक ही फास्टैग को अलग-अलग गाड़ियों में इस्तेमाल कर रहे थे। कुछ लोग तो टैग को जेब में रखकर टोल पार कर लेते थे, जिससे सिस्टम में गड़बड़ियां हो रही थीं। इसीलिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अब KYV को अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब है कि हर फास्टैग अब उसी गाड़ी से जुड़ा रहेगा, जिसके लिए वह जारी किया गया है। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि छोटी गाड़ियों पर भारी वाहनों के लिए बने फास्टैग का इस्तेमाल न हो।
कैसी है KYV की प्रक्रिया?
KYV करने की प्रक्रिया काफी आसान रखी गई है। गाड़ी मालिकों को अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), पहचान पत्र (जैसे आधार, पैन या पासपोर्ट) और कुछ मामलों में अपनी ताजा फोटो अपलोड करनी होगी। कुछ वाहनों के लिए गाड़ी के आगे और साइड से खींची गई तस्वीरें भी मांगी जा सकती हैं, जिनमें नंबर प्लेट और फास्टैग साफ दिखाई दे।
आप यह वेरिफिकेशन अपने बैंक की वेबसाइट या ऐप के जरिए भी कर सकते हैं, जिससे फास्टैग जारी किया गया था। बस Know Your Vehicle या Update KYV ऑप्शन पर क्लिक करें, डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें और ओटीपी वेरिफिकेशन पूरा करें। एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने पर आपका टैग Active and Verified दिखने लगेगा।
अगर कोई गाड़ी मालिक KYV पूरा नहीं करता, तो फास्टैग अपने-आप निष्क्रिय हो जाएगा, भले ही उसमें बैलेंस बाकी हो। हाल में ऐसी कई शिकायतें भी आई हैं कि अधूरी वेरिफिकेशन के कारण टोल प्लाजा पर गाड़ियों को रोका जा रहा है।
क्या कहती है सरकार, क्या मानते हैं लोग?
सरकार का कहना है कि लंबी अवधि में KYV सिस्टम को साफ-सुथरा बनाएगा। इससे चोरी या बेची गई गाड़ियों का ट्रैक रखना आसान होगा। गलत टोल वसूली कम होगी और पूरे डिजिटल टोल सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी। यह वेरिफिकेशन तब तक मान्य रहेगा, जब तक गाड़ी का मालिकाना हक बदल नहीं जाता। अगर गाड़ी बिक जाती है या नया रजिस्ट्रेशन नंबर जारी होता है, तो KYV फिर से करना होगा।
कई लोगों का मानना है कि यह प्रक्रिया एक और झंझट है, ठीक वैसे ही जैसे बैंकों में KYC कराना पड़ता है। लेकिन सच यह है कि अगर आप KYV नहीं कराते, तो आपको टोल टैक्स कैश में देना पड़ेगा। इसलिए बेहतर है कि समय रहते यह वेरिफिकेशन पूरा कर लिया जाए, ताकि सफर के बीच कोई रुकावट न आए।