यूपी की 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी किया है। वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है।
लखनऊ। यूपी की 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी किया है। वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि, इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो।
1. यूपी में सन 2019 में चयनित 69,000 शिक्षक अभ्यार्थियों की चयन सूची को रद्द करके तीन महीने के अन्दर नई सूची बनाने के हाईकोर्ट के फैसले से साबित है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता व ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो।
— Mayawati (@Mayawati) August 17, 2024
मायावती ने एक्स पर लिखा कि, यूपी में सन 2019 में चयनित 69,000 शिक्षक अभ्यार्थियों की चयन सूची को रद्द करके तीन महीने के अन्दर नई सूची बनाने के हाईकोर्ट के फैसले से साबित है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता व ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो।
उन्होंने आगे लिखा कि, वैसे भी सरकारी नौकरियों की भर्तियों में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड भी पाक-साफ नहीं होने पर यह काफी चर्चाओं में रहा है। अब सहायक शिक्षकों की सही बहाली नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ना स्वाभाविक। सरकार इस ओर जरूर ध्यान दे।