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यूपी में हाई-स्पीड परिवहन नेटवर्क के जरिए शहरी क्षेत्रों के बीच आवागमन तेज व सुगम बनाने का खाका हो रहा तैयार : सीएम योगी

यूपी को 'उत्तम प्रदेश' (Uttam Pradesh) बनाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार विजन-2047 के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में प्रदेश की परिवहन संरचना को सशक्त और आधुनिक बनाने पर निरंतर कार्य कर रही है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। यूपी को ‘उत्तम प्रदेश’ (Uttam Pradesh) बनाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार विजन-2047 के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में प्रदेश की परिवहन संरचना को सशक्त और आधुनिक बनाने पर निरंतर कार्य कर रही है। ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ की परिकल्पना के तहत सरकार का प्रमुख फोकस क्षेत्रीय आवागमन संपर्क की अवसंरचनाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ अंतिम मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने पर है, ताकि प्रदेश के शहरों, कस्बों तथा औद्योगिक क्षेत्रों को तेज, सुरक्षित तथा विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

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रीजनल कनेक्टिविटी को मिलेगी नई गति

प्रदेश सरकार हाई-स्पीड परिवहन नेटवर्क के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के बीच आवागमन को तेज और सुगम बनाने का व्यापक खाका तैयार कर रही है। इसके अंतर्गत प्रमुख शहरों तथा आर्थिक केंद्रों को जोड़ने के लिए हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। भविष्य की जरूरतों के अनुरूप इसे प्रदेश में एक हजार किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में किस प्रकार व्यवस्थित रूप से स्थापित किया जाए, इसे लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस नेटवर्क के साकार होने से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि लोगों की आवाजाही आसान होने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।

क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क के विस्तार व कॉरीडोर निर्माण पर जोर

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों के विस्तार तथा व्यापक कायाकल्प को लेकर जो खाका तैयार किया जा रहा है, उसमें रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुदृढ़ करना भी शामिल है। योजना के अनुसार, प्रदेश में रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने के लिए लगभग 1500 किलोमीटर क्षेत्र में विस्तारित परिवहन नेटवर्क के विकास को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना निर्माण पर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही विभिन्न ऑर्बिटल कॉरिडोर्स के निर्माण को लेकर भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिससे शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने और नगरीय क्षेत्रों में यातायात का दबाव कम करने में मदद मिलेगी। ये कॉरिडोर औद्योगिक क्षेत्रों, लॉजिस्टिक्स हब तथा नगरीय केंद्रों को बेहतर तरीके से जोड़कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे। इसी कड़ी में इंटरसिटी हाइपरलूप, प्रदेश के प्रमुख शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं का संचालन और विस्तार तथा वॉटर मेट्रो नेटवर्क को बढ़ाने पर भी फोकस किया जा रहा है।

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व्यापार, रोजगार तथा निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन

बेहतर रीजनल कनेक्टिविटी से प्रदेश में व्यापार व उद्योग को नई दिशा मिलेगी। विभिन्न कॉरिडोर तथा परिवहन नेटवर्क के विकास से उद्योगों को कच्चे माल, बाजार तथा श्रम शक्ति तक सुगमता से पहुंच प्राप्त होगी। इससे न केवल प्रदेश में निवेश को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार का मानना है कि सशक्त परिवहन अवसंरचना आर्थिक विकास की रीढ़ होती है। ऐसे में इन योजनाओं को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए, इस दिशा में व्यापक कार्ययोजना निर्माण पर कार्य किया जा रहा है।

अंतिम मील कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान

प्रदेश सरकार की रणनीति केवल बड़े परिवहन नेटवर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की दैनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अंतिम मील कनेक्टिविटी को प्रमुख प्राथमिकता दी जा रही है। रीजनल परिवहन प्रणालियों को शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों से जोड़ने के लिए परिवहन साधनों के विकास पर जोर दिया जा रहा है, जिससे लोगों को घर से कार्यस्थल, बाजार तथा अन्य आवश्यक सेवाओं तक निर्बाध पहुंच मिल सके। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि मजबूत, सुरक्षित और आधुनिक परिवहन व्यवस्था के बिना प्रदेश का समग्र विकास संभव नहीं है। विजन-2047 को केंद्र में रखते हुए रीजनल कनेक्टिविटी के साथ ही अंतिम मील कनेक्टिविटी को एकीकृत रूप से विकसित करने को लेकर कार्य जारी है। इन प्रयासों के माध्यम से उत्तर प्रदेश को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक मानचित्र पर भी एक सशक्त तथा विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

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