दिल्ली के जंतर-मंतर में जूनियर पहलवानों के धरने का असर देखने को मिला है। अस्थायी तौर पर भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) से जुड़े मामलों का प्रबंधन कर रहे तदर्थ पैनल (Ad-Hoc Committee) ने बुधवार को छह सप्ताह के भीतर अंडर 15 और अंडर 20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप (National Championships)के आयोजन की घोषणा की।
नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर में जूनियर पहलवानों के धरने का असर देखने को मिला है। अस्थायी तौर पर भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) से जुड़े मामलों का प्रबंधन कर रहे तदर्थ पैनल (Ad-Hoc Committee) ने बुधवार को छह सप्ताह के भीतर अंडर 15 और अंडर 20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप (National Championships)के आयोजन की घोषणा की। इससे कुछ ही घंटे पहले जूनियर पहलवानों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर तदर्थ पैनल को भंग करने की मांग की थी।
पैनल ने उन युवा पहलवानों की चिंताओं को स्वीकार किया जो भारत के शीर्ष पहलवानों के साल भर के विरोध प्रदर्शन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह (Former chief Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ देश के शीर्ष तीन पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के विरोध प्रदर्शन के बाद देश में कुश्ती गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
जनवरी 2023 के बाद से न तो राष्ट्रीय शिविर और न ही जूनियर नेशनल आयोजित किए गए हैं। गतिरोध के कारण सैकड़ों जूनियर पहलवानों का पूरा एक साल बर्बाद हो गया। तीन सदस्यीय पैनल के अध्यक्ष भूपेंदर सिंह बाजवा ने जूनियर पहलवानों को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही ग्वालियर में सब जूनियर और जूनियर नेशनल का आयोजन करेंगे।
बाजवा ने एक बयान में कहा कि समिति युवा पहलवानों द्वारा उठाई गई चिंताओं को स्वीकार करती है और मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। समिति एलएनआईपीई, ग्वालियर में अगले छह सप्ताह के अंदर अंडर-15 और अंडर-20 श्रेणियों के लिए राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की योजना बना रही है।
बयान में कहा गया कि तदर्थ समिति (Ad-Hoc Committee) भारत में कुश्ती के विकास और उत्कृष्टता और दृढ़ता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। युवा पहलवानों को इन प्रतियोगिताओं के लिए प्रशिक्षण और अभ्यास जारी रखने की सलाह दी जाती है। मंत्रालय के तरफ से संजय सिंह के नेतृत्व में नवनिर्वाचित निकाय को निलंबित करने के बाद 27 दिसंबर को तदर्थ पैनल का गठन किया गया था।