तालिबानी क्रूरता (Taliban brutality) की निशानियों ने समूचे विश्व को हतप्रभ कर दिया है। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर बंदूखों के बल पर कब्जा जमाने वाले तालिबान को संपूर्ण वैश्विक विरादरी (entire global community) में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। तालिबानी आतंक की खबरें पूरी मानवता को डरा रही है।
Afghanistan Crisis: तालिबानी क्रूरता (Taliban brutality) की निशानियों ने समूचे विश्व को हतप्रभ कर दिया है। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर बंदूखों के बल पर कब्जा जमाने वाले तालिबान को संपूर्ण वैश्विक विरादरी (entire global community) में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। तालिबानी आतंक की खबरें पूरी मानवता को डरा रही है। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान विश्व को भरोसा दिलाना चाहता है कि वह अफगानिस्तान में अपना का शासन देगा, लेकिन तालिबाान की बातों पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है। अफगान पर जबरन कब्जे के बाद विश्व के देशों ने अभी तक अफगानिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।
दूसरी तरफ अमेरिका ने तालिबान द्वारा देश पर कब्जा किए जाने के बाद अफगानिस्तान सरकार को हथियारों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा ठेकेदारों के लिए बुधवार को जारी किए गए एक नोटिस में विदेश विभाग के राजनीतिक/सैन्य मामलों के ब्यूरो ने कहा कि अफगानिस्तान को लंबित या हस्तांतरण नहीं किए गए हथियारों को लेकर समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा, ”अफगानिस्तान में तेजी से बदलती परिस्थितियों के मद्देनजर रक्षा बिक्री नियंत्रण निदेशालय विश्व शांति को आगे बढ़ाने, राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिका की विदेश नीति में उनकी उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए सभी लंबित और जारी किए गए निर्यात लाइसेंस और अन्य मंजूरी की समीक्षा कर रहा है।” नोटिस में कहा गया है कि वह आने वाले दिनों में रक्षा उपकरण निर्यातकों के लिए अद्यतन जानकारी साझा करेगा।