बंदूखों के बल पर कब्जा जमाने वाले तालिबान (Taliban) की कूरता कम नहीं हो रही है। पिछले तीनो दिनों से अफगानिस्तान में तालीबानी अत्याचार (Taliban atrocities) चरम पर है। तालिबानी लड़ाके, बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, प्रवासी सबको ढूंढ कर उन पर जुल्म कर रहा है।
Afghanistan Crisis: बंदूखों के बल पर कब्जा जमाने वाले तालिबान (Taliban) की कूरता कम नहीं हो रही है। पिछले तीनो दिनों से अफगानिस्तान में तालीबानी अत्याचार (Taliban atrocities) चरम पर है। तालिबानी लड़ाके, बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, प्रवासी सबको ढूंढ कर उन पर जुल्म कर रहा है। अफगानिस्तान में हो रही हिंसा और खून खराबे के बीच तालिबान के खिलाफ अफगानी नागरिक सड़कों पर उतर कर विरोध में हल्ला बोल दिया है।
खबरों के अनुसार, काबुल के स्थानीय सिखों ने कहा कि भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने गुरुवार को अफगानिस्तान के करता-परवान में गुरुद्वारा सिंह सभा से लगभग 60 हिंदुओं और सिखों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया। इनमें से कई सिखों ने कहा है कि वे कनाडा या अमेरिका में भेजे जाने के बजाय भारत जाना पसंद करेंगे, क्योंकि वहां पर स्थिति ज्यादा अच्छी है।
खबरों के अनुसार,ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को कहा कि तीसरे निकासी विमान के बाद काबुल से ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के 160 से अधिक नागरिकों को निकाला जा चुका है।
19 अगस्त को अमेरिका ने काबुल हवाई अड्डे से 16 सी-17 उड़ानों से लगभग 3,000 लोगों को निकाला, करीब 350 अमेरिकी नागरिकों को निकाला गया।