बंदूखों के बल पर अफगानिस्तान में कब्जा जमाने वाले तालिबान की कूरता कम नहीं हो रही है।अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान विश्व को भरोसा दिलाना चाहता है कि वह अफगानिस्तान में अपना शासन देगा, लेकिन तालिबाान की बातों पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है।
Afghanistan Crisis: बंदूखों के बल पर अफगानिस्तान में कब्जा जमाने वाले तालिबान की कूरता कम नहीं हो रही है।अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान विश्व को भरोसा दिलाना चाहता है कि वह अफगानिस्तान में अपना शासन देगा, लेकिन तालिबाान की बातों पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है। अफगान पर जबरन कब्जे के बाद विश्व के देशों ने अभी तक अफगानिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।तालिबान को संपूर्ण वैश्विक विरादरी (entire global community) में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। तालिबानी आतंक की खबरें पूरी मानवता को डरा रही है। पिछले तीनो दिनों से अफगानिस्तान में तालीबानी अत्याचार चरम पर है। तालिबानी लड़ाके बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, प्रवासी सबको ढूंढ कार उन पर जुल्म कर रहा है।
तालिबान उन लोगों की तलाश तेज कर रहा है, जिन्होंने अमेरिका और नाटो सुरक्षा बलों के साथ काम किया। तालिबान इन लोगों को उन्हें खोजने के लिए “घर-घर” जा रहा है।
खबरों के अनुसार,गोपनीय रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के धमकी-मूल्यांकन सलाहकारों द्वारा प्रदान की गई और कई समाचार मीडिया में इसको देखा गया है। यह रिपोर्ट कहती है कि समूह के पास व्यक्तियों की “प्राथमिकता सूची” है, जिसे वह गिरफ्तार करना चाहता है। तालिबान उसके परिवार के सदस्यों को मारने या गिरफ्तार करने की धमकी दे रहा है, यदि वांटेंड खुद को उनके हवाले नहीं करता है।
राजधानी और जलालाबाद समेत प्रमुख शहरों में काबुल हवाईअड्डे की ओर जाने वाले लोगों की भी जांच चौकियों से की जा रही है।
खबरों के अनुसार,नॉर्वेजियन सेंटर फॉर ग्लोबल एनालिसिस के कार्यकारी निदेशक क्रिश्चियन नेलेमैन, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के लिए रिपोर्ट लिखी थी, उन्होंने बताया, “वे उन लोगों के परिवारों को लक्षित कर रहे हैं, जो खुद को उन्हें सौंपने से इनकार करते हैं। शरीयत कानून के मुताबिक, उनके परिवारों पर मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें सजा दी जा सकती है।