गाजियाबाद में सोमवार को एक ऑटो चालक धर्मपाल यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने धर्मपाल की चौकी के अंदर जमकर पिटाई की थी। इसके बाद परिनजों को सौंप दिया गया था। उस दौरान चालक बेहोश था। अस्पताल में पहुंचने के आधा घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने पुलिस पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप है।
लखनऊ। गाजियाबाद में सोमवार को एक ऑटो चालक धर्मपाल यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने धर्मपाल की चौकी के अंदर जमकर पिटाई की थी। इसके बाद परिनजों को सौंप दिया गया था। उस दौरान चालक बेहोश था। अस्पताल में पहुंचने के आधा घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने पुलिस पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप है।
वहीं, इस घटना को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विट कर कहा है कि, निर्दोषों की हत्या कर रही यूपी पुलिस! कानपुर में बलवंत सिंह के बाद अब गाजियाबाद में ऑटो चालक धर्मपाल यादव की पुलिस हिरासत में मौत, बेहद शर्मनाक। दोनों मृतकों की पत्नियों को सरकारी नौकरी और परिजनों को 1-1 करोड़ का मुआवजा दे सरकार।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि, काशी की ‘टेंट सिटी’ का कूड़ा-कचरा,गंदगी व अपविष्ट गंगा जी में जाकर प्रदूषण नहीं फैलायेगा, इसको सुनिश्चित किये बिना टेंट सिटी के संचालन की अनुमति न हो। वैसे कड़कड़ाती ठंड में गरीबों के लिए रैन बसेरे का भी निरीक्षण करना ज़रूरी होता है। भाजपा की राजनीति में ग़रीब पर नज़र नहीं जाती।