समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स )Bharat Jewelers) के यहां हुई डकैती के मामले में एक लाख के इनामिया बदमाश मंगेश यादव के एनकाउंटर पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एनकाउंटर को फर्जी (Encounter Fake) बताते हुए कहा कि ‘जाति’ देखकर गोली मारी गई है, जबकि मुख्य आरोपी का सरेंडर करवाया गया है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स )Bharat Jewelers) के यहां हुई डकैती के मामले में एक लाख के इनामिया बदमाश मंगेश यादव के एनकाउंटर पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एनकाउंटर को फर्जी (Encounter Fake) बताते हुए कहा कि ‘जाति’ देखकर गोली मारी गई है, जबकि मुख्य आरोपी का सरेंडर करवाया गया है।
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरूवार को एक्स पोस्ट पर लिखा कि लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था। इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जाति’ देखकर जान ली गयी।
उन्होंने कहा कि जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है। उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।
श्री यादव ने कहा कि नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है। घोर निंदनीय!