आंवला नवमी हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,आंवला नवमी के दिन व्रत रखकर आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है।
Amla Navami 2024 : आंवला नवमी हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,आंवला नवमी के दिन व्रत रखकर आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। मान्यता के अनुसार, कार्तिक शुक्ल नवमी से कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ पर निवास करते हैं।
मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आंवला नवमी को कूष्माण्डा नवमी और जगधात्री पूजा के नाम से भी जाना जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक, अक्षय नवमी को आंवला पूजन करने से स्त्री जाति को अखंड सौभाग्य मिलता है।
इस वर्ष, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 10:06 बजे से शुरू हो रही है। यह नवमी तिथि 31 अक्टूबर को सुबह 10:03 बजे तक रहेगी। इसलिए इस वर्ष आंवला नवमी 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस वर्ष शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का समय सुबह 6:32 बजे से 10:03 बजे तक है।
महत्व: इस दिन द्वापर युग की शुरुआत हुई थी और यह भगवान विष्णु के प्रति अत्यधिक शुभ मानी जाती है।
आंवले का दान और सेवन
अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु के साथ ही शिवजी का भी वास होता है। इसलिए इस दिन आंवले का दान और सेवन जरूर करना चाहिए। इस दिन परिवार समेत आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से आपके घर में खुशहाली आती है।