अंगारक चतुर्थी (Angarki Chaturthi) एक विशेष और अत्यंत शुभ दिन होता है। जब किसी महीने की चतुर्थी तिथि का मंगलवार के दिन पड़ती तो इसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं।
Angaraka Chaturthi 2025 : अंगारक चतुर्थी (Angarki Chaturthi) एक विशेष और अत्यंत शुभ दिन होता है। जब किसी महीने की चतुर्थी तिथि का मंगलवार के दिन पड़ती तो इसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं। इस बार अंगारक चतुर्थी 23 दिसंबर, मंगलवार को है। इस दिन कुछ मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने से आने वाले संकटों को टाला जा सकता है। इस दिन भगवान श्री गणेश के साथ-साथ मंगलदेव की पूजा करना भी शुभ रहेगा। जानें इन उपायों के बारे में।
लड्डू का भोग
भगवान श्रीगणेश को विध्न विनासक और मंगलकर्ता भी कहा जाता है। अंगारक चतुर्थी के दिन भगवान की प्रतिमा पर कुमकुम से तिलक करें, फूलों की माला पहनाएं। एक-एक करके दूर्वा, अबीर, गुलाल, चावल रोली, हल्दी, फल, फूल आदि चीजें चढ़ाएं। ‘श्री गणेशाय नमः’ मंत्र का जाप करें और दीपक जलाएं। श्री गणेश को लड्डू का भोग लगाएं और आरती करें। समय हो तो कुछ देर मंत्र जाप भी करें।
चंद्रमा को अर्ध्य
रात को चंद्रमा उदय होने पर पहले जल से अर्ध्य दें और फूल, चावल आदि चीजें चढ़ाकर पूजा करें। घर के बुजुर्गों के पैर छुएं। इसके बाद स्वयं भोजन करें।
दान
अंगारक चतुर्थी को मंगल से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। लाल मसूर दाल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, गुड़, मूंगा, तांबे का बर्तन, लाल फल और गेंहू आदि के दान से कुंडली में मंगल मजबूत होता है और उसके अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।