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सोलर विद्युत उत्पादन परियोजना की स्थापना हेतु अयोध्या में भूमि की उपलब्धता को मिली स्वीकृति: ए0के0 शर्मा

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बायो फ्यूल (जैव ऊर्जा) के क्षेत्र में 12 प्रोजेक्ट अम्लीकरण के रूप में हैं, जिनमें 641 करोड़ का निवेश हो चुका है। इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का अतिरिक्त ऊर्जा विभाग ने निर्णय लिया है। सोलर सिटी विकसित करने के संदर्भ में आज मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अयोध्या में 165 एकड़ जमीन नवीन ऊर्जा विभाग को देने का निर्णय लिया है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि प्रदेश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ महीनों में युद्ध स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। इन प्रयासों के फलस्वरूप जहां मार्च 2022 तक 2231 मेगावाट का सौर ऊर्जा उत्पादन होता था, वहीं पिछले एक साल में 247 मेगावाट क्षमता के नए प्रोजेक्ट लगाकर उत्पादन शुरू हुआ है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा का क्षेत्र फरवरी माह में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित करने वाला क्षेत्र रहा था। जिसमें रूपये 7.57 लाख करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके सापेक्ष बहुत अच्छी प्रगति करते हुए सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 245 मेगावाट के 08 प्रोजेक्ट स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं, जिसमें 1225 करोड़ का निवेश हो चुका है।

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उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बायो फ्यूल (जैव ऊर्जा) के क्षेत्र में 12 प्रोजेक्ट अम्लीकरण के रूप में हैं, जिनमें 641 करोड़ का निवेश हो चुका है। इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का अतिरिक्त ऊर्जा विभाग ने निर्णय लिया है। सोलर सिटी विकसित करने के संदर्भ में आज मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अयोध्या में 165 एकड़ जमीन नवीन ऊर्जा विभाग को देने का निर्णय लिया है। इस जमीन पर अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग 40 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट विकसित करेगा। इससे प्रतिवर्ष 70 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा ग्रिड में फीड की जाएगी, जो अयोध्या शहर में ऊर्जा की मांग की पूर्ति में सहायक होगी। यह प्रोजेस्ट भारत सरकार की स्वामित्व वाली कम्पनी एनटीपीसी के उपक्रम में किया जाएगा।

ज्ञात हो कि प्रदेश की सौर ऊर्जा नीति-2022 के अनुसार अयोध्या शहर को माडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। अयोध्या को सौर्य ऊर्जीकृत किया जा रहा है। जनपद अयोध्या में 40 मेगावाट की सोलर विद्युत उत्पादन परियोजना की स्थापना के लिए ग्राम मझरा रामपुर हलवारा एवं ग्राम मझरा सरायरासी परगना हवेली अवध तहसील सदर में 66.812 हेक्टेयर (165.10 एकड़) भूमि उपयुक्त पायी गयी है। इस सौर विद्युत उत्पादन परियोजना की स्थापना का कार्य एनटीपीसी ग्रीन इनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी) द्वारा किया जायेगा। उक्त प्रस्तावित सौर पावर परियोजना की अनुमानित लागत रु0 160 करोड़ एनटीपीसी ग्रीन इनर्जी लिमिटेड द्वारा स्वयं के स्रोतों से वहन की जायेगी।

विद्युत निकासी का व्यय राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। जिस पर लगभग रु0 9.00 करोड का वित्तीय उपाशय अनुमानित है। सोलर पावर परियोजना की स्थापना हेतु 66.812 हेक्टेयर (165.10 एकड़) भूमि ग्राम-माझा रामपुर हलवारा एवं ग्राम-माझा सरायरासी परगना-हवेली अवध, तहसील सदर में सांकेतिक मूल्य रू0 1/-प्रति एकड़/प्रतिवर्ष की दर से अधिकतम 30 वर्ष के पट्टे पर एनटीपीसी ग्रीन इनर्जी लि० को उपलब्ध कराया जायेगा।

उक्त सौर पावर परियोजना से उत्पादित ऊर्जा को निश्चित टैरिफ/दर प्रति यूनिट पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा क्रय की जायेगी। इस परियोजना की स्थापना से प्रति वर्ष सस्ती दर पर न्यूनतम 70 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा, जो अयोध्या शहर में ऊर्जा की मांग की पूर्ति हेतु ग्रिड में फीड की जायेगी। सरयू नदी के निकट अनुपयोगी भूमि का उत्पादक उपयोग हो सकेगा साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा।

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