समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) ने बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) के बीते गुरुवार को लखनऊ में आयोजित रैली में उस बयान का जवाब दिया है। जिसमें उन्होंने अफवाहों का खंडन किया था। कि कोई कद्दावर नेता उनकी पार्टी में शामिल होने की कोशिश कर रहा है।
रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) ने बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) के बीते गुरुवार को लखनऊ में आयोजित रैली में उस बयान का जवाब दिया है। जिसमें उन्होंने अफवाहों का खंडन किया था। कि कोई कद्दावर नेता उनकी पार्टी में शामिल होने की कोशिश कर रहा है। इस सवाल पर आजम खान (Azam Khan) ने कहा कि वह बड़ी सियासतदान हैं, मैं तो एक छोटा कार्यकर्ता हूं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) मिल सकते हैं।
बता दें कि पिछले महीने जेल से बाहर आने के बाद आजम खान (Azam Khan) के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। अफवाहें फैल रही थीं कि वे बसपा में शामिल हो सकते हैं। दावा किया जा रहा था कि मायावती (Mayawati) और आजम के बीच दिल्ली और लखनऊ में मुलाकातें भी हो चुकी हैं। हालांकि, दोनों नेताओं ने बार-बार इसे खारिज किया। अब मायावती (Mayawati) के लखनऊ में दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आजम ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि उन्हें दुख हुआ कि किसी माध्यम से उनके बीच अफवाहें पहुंच गईं।
आजम खान (Azam Khan) ने जोर देकर कहा कि मायावती (Mayawati) बड़े जनसमूह की नायक और अनुभवी सियासतदान हैं। मैं उनका पूरा सम्मान करता हूं। उन्होंने कहा कि मेरी नजर में उनकी अहमियत कम नहीं हुई। उनके प्रति स्नेह हमेशा बना रहेगा। आजम ने आगे बताया कि उनके और मायावती (Mayawati) के बीच संबंध सिर्फ राजनीतिक नहीं हैं। बल्कि व्यक्तिगत और समाजिक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कुछ मानवीय और समाजी जरूरतें भी हो सकती हैं। और जब भी जरूरत होगी। हम मिल सकते हैं। इसके अलावा आजम ने अपने पुराने रिश्तों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांशीराम से भी उनका पुराना और गहरा रिश्ता था। उन्होंने कभी भी किसी ऐसे काम की बात नहीं की जो किसी के दिल को ठेस पहुंचाए।
आजम खान (Azam Khan) ने अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि उनकी अहमियत में मेरी नजर में कोई कमी नहीं है। वह एक बड़ी सियासत दां हैं। उन्होंने कहा कि मायावती (Mayawati) जब रामपुर तशरीफ लाईं थीं तो वह मेरी मेहमाान भी थीं। उन्होंने महसूस किया होगा कि मेरा उनके साथ कैसा आत्मीयता का संबंध है। उन्होंने कहा कि मेरा ताल्लुक कांशीराम जी से बहुत रहा है। वह सुबह चार बजे नमाज पढ़ता था। मेरे पास तशरीफ लाते थे, और हम आधा-एक घंटा बातचीत करते थे। आजम ने कहा कि मेरा उनके बड़ों से भी रिश्ता रहा है। ऐसा नहीं हो सकता कि मैं ऐसी बात कहूं या करूं जो उनके दुख या शिकायत का कारण बने। उन्होंने कहा कि मैं जब चाहें मिल सकता हूं, जरूरी नहीं कि मुलाकात केवल राजनीतिक ही हो। उन्होंने कहा कि मायावती ने उनके बारे में कोई गलत बात नहीं कही, इसलिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं।
मैं तो 8-10 बरस से ऐसे हालात का शिकार हूं कि मुझे ये ही नहीं पता है कि लखनऊ का कौन सा पार्क किस हाल में है और कहां है?
हालांकि जब उनसे सपा पर मायावती (Mayawati) के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो आजम ने साफ तौर पर जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके स्तर का जवाब, उनके स्तर के लोग देंगे। मैं तो 8-10 बरस से ऐसे हालात का शिकार हूं कि मुझे ये ही नहीं पता है कि लखनऊ का कौन सा पार्क किस हाल में है और कहां है? आज कैसा है? जेल से बाहर आने के बाद के 10 सालों को उन्होंने कठिन बताया। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में उन्हें कई मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा। आने वाले समय में अगर सत्ता में आए तो कोशिश करेंगे कि समाज और राष्ट्र के हित में किसी प्रकार की ऊंच-नीच या शिकायतें न हों।