रामपुर लोकसभा के हो रहे उपचुनाव प्रचार के दौरान जिन्ना की एंट्री हो गई है। रामपुर में चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान (Azam Khan) ने एक तरफ जहां देश के बंटवारे के लिए जिन्ना को जिम्मेदार ठहराया। तो इसके साथ ही दूसरी तरफ कहा कि हिन्दुस्तान के बंटवारे का फैसला महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने डर की वजह से फैसला लिया था।
रामपुर। रामपुर लोकसभा के हो रहे उपचुनाव प्रचार के दौरान जिन्ना की एंट्री हो गई है। रामपुर में चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान (Azam Khan) ने एक तरफ जहां देश के बंटवारे के लिए जिन्ना को जिम्मेदार ठहराया। तो इसके साथ ही दूसरी तरफ कहा कि हिन्दुस्तान के बंटवारे का फैसला महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने डर की वजह से फैसला लिया था।
मौलाना आजाद अंतिम समय तक बंटवारे से इनकार करते रहे
आजम खान ने कहा कि जो लोग सबसे बड़ी गद्दी पर बैठे हैं, उन्हीं लोगों ने मुसलमानों का डर दिखाकर बापू को तैयार किया। आजम ने कहा कि पाकिस्तान बनाने का नारा देने वाले जिन्ना थे, लेकिन मुस्लिम हिन्दुस्तान का बंटवारा नहीं चाहते थे। मौलाना आजाद अंतिम समय तक बंटवारे से इनकार करते रहे।
आजम खान (Azam Khan) ने कहा कि बापू बंटवारे के लिए तैयार हो जाएंगे। यह किसी ने सोचा नहीं था, लेकिन जब बापू ही तैयार हो गए तो सभी की हिम्मत टूट गई। उन्हें तैयार कराने वाले हिंदुस्तान की सबसे बड़ी गद्दी पर बैठे थे। हिन्दुस्तान बंटा न होता तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के कुछ हिस्सा और कुछ हिस्से जो औरंगजेब ने जीते थे। यहां तक की रंगुन तक हिन्दुस्तान था।
कहा कि अखण्ड भारत का नारा देने वालों वो हिन्दुस्तान दो जो औरंगज़ेब का हिन्दुस्तान था। उन्होंने कहा कि पूरी मुगल सल्तनत को गाली दो क्योंकि मुगल सल्तनत न तो खलीफा की सल्तनत थी न ही इस्लामिक हुकूमत थी। आजम खान ने कहा कि औरंगज़ेब का हिन्दुस्तान वापस करो।
धर्म की तौहीन करने वाला कभी गुरु नही बन सकता , विश्व गुरु तो बहुत बड़ी बात है
आजम खान (Azam Khan) ने कहा कि गृह मंत्री ने मुझे पहले नंबर का माफिया कहा। दूसरे नंबर का अंसारी और तीसरे नंबर पर अतीक है। आज़म खान ने कहा कि हम विश्व गुरु हैं। पैगम्बर इस्लाम की शान में तौहीन कर हम विश्व गुरू बनना चाहते हैं। किसी भी धर्म की तौहीन करने वाला कभी गुरु नही बन सकता। विश्व गुरु तो बहुत बड़ी बात है। दिल मे बहुत ज़ख्म हैं। ज़ख्म नासूर बनना चाहते है। मैं उन पर मरहम लगाना चाहता हूं ताकि ज़ख्म भर जाएं।