संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की लिस्ट तैयार की है। ऐसे शब्दों को ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है।
लखनऊ। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की लिस्ट तैयार की है। ऐसे शब्दों को ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है।
ऐसे में अब संसद के दोनो सदनों की कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले सांसद अब चर्चा के दौरान जयचंद, भ्रष्ट, पाखंड, जुमलाजीवी और धड़ियाली आंसू जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसको लेकर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावार है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसको लेकर सरकार को घेरा है।
प्रतिबंध आलोचनात्मक शब्दों पर नहीं; अलोकतांत्रिक कार्यों पर लगना चाहिए।
आलोचना ही सार्थक संसद की प्राणवायु होती है। प्रतिबंध सत्ता के अपराधबोध से उपजते हैं। शनैः शनैः प्रतिबंधों से मुक्ति की ओर बढ़ना ही एक स्वस्थ लोकतंत्र की उपलब्धि होती है।
निंदनीय (अगर ये प्रतिबंधित नहीं है) pic.twitter.com/CbN4PFNxuZ
पढ़ें :- INDIA की सरकार बनते ही ऐसी कार्रवाई होगी कि आगे कोई भी ‘संविधान की शपथ’ का अपमान करने से पहले 10 बार सोचेगा: राहुल गांधी
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 14, 2022
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘प्रतिबंध आलोचनात्मक शब्दों पर नहीं, अलोकतांत्रिक कार्यों पर लगना चाहिए। आलोचना ही सार्थक संसद की प्राणवायु होती है। प्रतिबंध सत्ता के अपराधबोध से उपजते हैं। शनैः शनैः प्रतिबंधों से मुक्ति की ओर बढ़ना ही एक स्वस्थ लोकतंत्र की उपलब्धि होती है। निंदनीय (अगर ये प्रतिबंधित नहीं है)।’