चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। स्कंद माता का प्रिय भोग केला है। आप इन्हें केले से बनी चीजों का भी भोग लगा सकते है। आज हम आपको केले की खीर बनाने का तरीका बताने जा रहे है।
आज 03 अप्रैल दिन गुरुवार को चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंद माता भगवान कार्तिकेय की माता है। स्कंदमाता की चार भुजाएं है। इनकी दाहिनी तरफ ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में है और नीचे वाली भुजा में कमल का फूल है।वहीं, मां की बाईं तरफ की ऊपरी भुजा वरमुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल है। स्कंदमाता शेर पर सवार होती हैं।
मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। स्कंद माता का प्रिय भोग केला है। आप इन्हें केले से बनी चीजों का भी भोग लगा सकते है। आज हम आपको केले की खीर बनाने का तरीका बताने जा रहे है।
केले की खीर की आवश्यक सामग्री
केले – 4
काजू 50 ग्राम
बदाम 10 ग्राम
पिस्ता सजाने के लिए
दूध आधा लीटर
केसर के 8-10 धागे
शक्कर 300 ग्राम
किशमिश 20 ग्राम
इलायची पाउडर एक छोटा चम्मच
अनार के दाने एक चम्मच (सजाने के लिए)
केले की खीर बनाने का तरीका
केले की खीर बनाने के लिए सबसे पहले केले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें। अब बाकी के दो केले को अच्छे से मैश कर लें। वहीं, काजी और बादाम का बारी पाउडर बना लें। और पिस्ता का बारीक टुकड़ों में काट लें। अब इन सभी चीजों को प्लेट में अलग अलग रख दें।
अब दूध को एक बरतन में डालकर मध्यम गैस पर गरम करे। दूध में उबाल आने पर काजू का पाउडर डालें और दूध गाढ़ा होने तक पकाएं। फिर इसमें इलायची को पीसकर डाल दें, फिर इसमें मैश किए हुए और टुकड़ों में कटे हुए केलों को डाल दें। अब इसमें ईपर से केसर, शक्कर में डाल दें और 5 मिनट तक गाढ़ा होने तक पकाएं और लीजिए तैयार है केले की टेस्टी खीर।