बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले और भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी करने वाले शरीफ उस्मान हादी की गुरुवार को सिंगापुर में मौत हो गई। इंकलाब मंच के संयोजक की मौत के बाद ढाका में गुरुवार देर रात विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हिंसा करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने प्रथम आलो (देश के सबसे बड़े बांग्ला अखबार) और डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला कर तोड़फोड़ की और आग लगा दी।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले और भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी करने वाले शरीफ उस्मान हादी की गुरुवार को सिंगापुर में मौत हो गई। इंकलाब मंच के संयोजक की मौत के बाद ढाका में गुरुवार देर रात विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हिंसा करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने प्रथम आलो (देश के सबसे बड़े बांग्ला अखबार) और डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला कर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने राजशाही में अवामी लीग के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया। इस स्थिति को देखते हुए अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने ढाका में लेवल बैठक बुलाई है।
बांग्लादेश सेना के मेजर जनरल जहांगीर आलम (अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार) एक अहम मीटिंग कर रहे हैं। सरकार ने जुलाई के विरोध प्रदर्शनों में शामिल नेताओं के साथ भी एक मीटिंग बुलाई है। प्रदर्शनकारी भीड़ ने देश के प्रोथोम आलो और डेली स्टार अखबारों के ऑफिसों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने सांस्कृतिक संस्था छायानट को भी नुकसान पहुंचाया और आग लगा दी। यह बांग्लादेश का एक प्रमुख और ऐतिहासिक सांस्कृतिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1961 में हुई थी, जो बंगाली संस्कृति, विरासत, संगीत, नृत्य और पारंपरिक वाद्ययंत्रों को बढ़ावा देता है। भीड़ ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रही है और उस मुख्य संस्थान को नष्ट कर रही है, जिसे बांग्लादेश में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था।
वहीं BNP के कार्यवाहक चेयरमैन तारिक रहमान ने इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत पर दुख जताया है। एक फेसबुक पोस्ट में, उन्होंने हादी की हत्या को ‘दुखद’ बताया और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से दोषियों को सज़ा देने की गुजारिश की.रहमान ने अपनी पोस्ट में कहा, “मैं शरीफ उस्मान हादी के दुखद कत्ल से बहुत गम में हूं. अल्लाह उनकी मगफिरत फरमाए. यह अचानक मौत राजनीतिक हिंसा की इंसानी कीमत की एक गंभीर याद दिलाती है. मैं अंतरिम सरकार से भी अपील करता हूं कि वे पूरी प्राथमिकता के साथ जल्द से जल्द जांच करें, जिससे दोषियों को पकड़ा जाए, सज़ा दी जाए और इंसाफ मिल सके.”
>>> शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बढ़ते तनाव के बीच, एक स्थानीय अवामी लीग ऑफिस को बुलडोजर से गिरा दिया गया। चश्मदीदों ने बताया कि शुक्रवार (IST) को तड़के करीब 1.30 बजे प्रदर्शनकारी पार्टी के कुमारपारा ऑफिस में एक बुलडोजर लाए और बिल्डिंग को गिराना शुरू कर दिया.
>>> बताया जा रहा है कि सिंगापुर में हादी की मौत की खबर फैलने की बाद हजारों लोग शाहबाद चौराहे पर इकट्ठे हुए. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने चौराहे पर जाम लगा दिया. प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां लहराते हुए अधिकारियों पर हादी की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। इसके बाद नारेबाजी करते करते प्रदर्शनकारी हिंसक बन गए ।
हमला, तोड़फोड़ और आगजनी… प्रदर्शनकारियों ने सबसे पहले करवान बाजार में स्थित प्रथम आलो के दफ्तर पर हमला किया, जहां प्रदर्शनकारियों ने कई मंजिलों में तोड़फोड़ की, फर्नीचर और दस्तावेज बाहर निकालकर आग लगा दी. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कई पत्रकार और कर्मचारी इमारत के अंदर फंस गए. इसके बाद उपद्रवियों ने डेली स्टार के दफ्तर पर हमला कर दिया और फिर तोड़फोड़ कर दफ्तर को आग लगा दी.
भारत के खिलाफ नारेबाजी
अखबार ऑफिस में आग लगाने के बाद प्रदर्शनकारी गुरुवार देर रात चटगांव में भारतीय उच्चायोग के कार्यालय के बाहर जमा हो गए और कार्यालय पर पत्थरबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने भारत-विरोधी और अवामी लीग-विरोधी नारे लगाए, जैसे भारतीय आक्रमण को ध्वस्त करो! और लीग वालों को पकड़ो और मारो! अज्ञात हमलावरों ने मारी हादी को गोली दरअसल, 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने हादी के सिर में गोली मार दी थी. गंभीर हालत में उन्हें पहले ढाका में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर रेफर कर दिया गया. सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. हादी की मौत की पुष्टि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय और सिंगापुर के अधिकारियों ने की है.
अंतरिम सरकार ने की लोगों से शांति की अपील
वहीं, हादी की मौत के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए लोगों से शांत रहने की और कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की. उन्होंने हादी को जुलाई विद्रोह का निडर योद्धा और शहीद बताते हुए कहा, ‘हादी पराजित फासीवादी आतंकवादी ताकतों के दुश्मन थे. हम फिर से उन्हें हराएंगे जो उनकी आवाज दबाना और क्रांतिकारियों में डर पैदा करना चाहते थे.’
राष्ट्रीय शोक घोषित
यूनुस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की, मस्जिदों में विशेष प्रार्थना का ऐलान किया और हादी के हत्यारों को बख्शा नहीं जाने का वादा किया। उन्होंने हादी की पत्नी और इकलौते बच्चे की जिम्मेदारी सरकार लेने की भी बात कही। बता दें कि हादी जुलाई 2024 के विद्रोह में प्रमुख भूमिका निभाने के बाद चर्चा में आए थे, जहां शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हुआ। वे अवामी लीग पर संवैधानिक प्रतिबंध की मांग करने वाले अभियान के अगुआ थे और भारत-समर्थक राजनीति के कट्टर विरोधी माने जाते थे।