इसे डेली पीने से पथरी की समस्या में राहत मिलेगी। और बेहतर रिजल्ट के लिए दो पत्तों को खाली पेट सेवन करें। अगर आप पत्थरचिट्टा के रस में सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करते हैं तो पेट दर्द से भी राहत पा सकते है।
Benefits of Patharchatta: औषधीय गुणों से भरपूर पत्थरचट्टा के बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे। आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का प्रयोग तमाम तरह की औषधियां बनाने में किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं पत्थरचट्टा को किन किन समस्याओं को दूर कर सकता है। जिन लोगो को पथरी की दिक्कत रहती हो उन्हें पत्थरचिट्टा बेहतरीन औषधि है। इसके लिए पत्थरचट्टा ( Patharchatta) के पत्तों को गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जा सकता है।
इसे डेली पीने से पथरी की समस्या में राहत मिलेगी। और बेहतर रिजल्ट के लिए दो पत्तों को खाली पेट सेवन करें। अगर आप पत्थरचिट्टा ( Patharchatta) के रस में सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करते हैं तो पेट दर्द से भी राहत पा सकते है।
ये पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके अलावा मूत्र यानि पेशाब से संबंधित दिक्कतों को दूक करने के लिए आयुर्वेद में सदियों से पत्थर चट्टा ( Patharchatta) का इस्तेमाल हो रहा है। अगर आप इसका काढ़ा पीते है तो पेशाब में जलन, रुक रुक कर पेशाब आने जैसी परेशानियां दूर हो सकती है।
साथ ही पत्थरचट्टा ( Patharchatta) बावासीर की समस्या को दूर करने के लिए भी अच्छा माना जाता है। स्किन में अगर किसी प्रकार का घाव, सूजन या मुंदी चोट हो तो पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए चार से पांच पत्थर चट्टा के पत्तों को पीसकर लेप बनाकर जहां दिक्कत हो वहां लगा लें।
इससे घाव, सूजन कम होगी। इसके अलावा शरीर में रैशेज और खुजली की दिक्कत भी दूर होती है। जिन लोगो को खूनी दस्त की दिक्कत हो उनके लिए भी पत्थरचट्टा ( Patharchatta) फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए चुटकीभर पीसा हुआ जीरा और आधा चम्मच देशी घी मिला कर इसे दिन में दो बार सेवन करें। आराम मिल सकता है।