Finance Minister Nirmala Sitharaman thwarted the wishes of Nitish Kumar, told why Bihar cannot get the status of special state? Bihar News, CM Nitish Kumar, Nirmala sitharaman news, Special status
पटना। लोकसभा चुनाव 2024 बिहार को विशेष राज्य का दर्जा एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको लेकर अक्सर अपनी आवाज विभिन्न मंचों पर उठाते रहे हैं। लेकिन, केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। साथ इस मुद्दे को लेकर राज्य की मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ती है।
लोकसभा चुनाव प्रचार करने पहुंची केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब बिहार को विशेष दर्जा पर स्वयं ही इस पर जवाब दिया है। बता दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में क्या अड़चन है?
पटना में बीजेपी के मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय वित्त आयोग की रिपोर्ट में रिकमेंडेशन आना चाहिए। तभी इसके बारे में आगे विमर्श किया जा सकता है। केंद्रीय वित्त आयोग रिपोर्ट में टैक्स को कम करने का रिकमेंडेशन आया था, जिसके बाद तीन अलग अलग स्लैब में केंद्रीय करो में कमी की गई है। बिहार को आर्थिक सहायता और विशेष सहायता पर निर्माला सीतारमण ने कहा कि 2015 में एक पैकेज बिहार के लिए घोषणा की गई थी और 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया था। यह पैकेज सभी क्षेत्रों के लिए दिया गया था।
जंगलराज न होता तो अधिक होती प्रति व्यक्ति आय
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पटना मंगलवार को पटना पहुंची में यहां बीजेपी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बिहार में फर्स्ट टाइम वोटर को यहां के जंगल राज से हुए नुकसान को बताने की जरूरत है। लालू-राबड़ी के शासनकाल में जंगल राज के कारण बिहार में प्रति व्यक्ति आय 14,209 हो गया था, जबकि फिलहाल 37,000 प्रति व्यक्ति आय है।
बिहार के विकास को जंगलराज ने पीछे धकेला
वित्त मंत्री ने कहा प्रति व्यक्ति आय 33 प्रतिशत गिर गया था। जंगल राज के नुकसान से बाहर लाने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी है यह बताना जरूरी है। सम्मान चाहिए, विकास नहीं, यह बोलने वालों के समय में सकल घरेलू उत्पाद ओडिशा से कम था। जंगलराज होने के बाद प्रति व्यक्ति आय 33 प्रतिशत गिर गया था। जंगल राज मिटाने के बाद 5 प्रतिशत का ग्रोथ मेंटेन करने के लिए परिश्रम करना पड़ा है।