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BJP सरकार सरकारी स्कूलों का मर्जर नहीं बल्कि गरीबों के बच्चों के सपनों का मर्डर कर रही: पुष्पेंद्र सरोज

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस मुद्दे पर मुखर को होकर घेरने में जुटे हुए हैं। कई जगहों पर सरकार के इस फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ। वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

By शिव मौर्या 
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यायलों की मर्जर नीति को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। विपक्षी दल के नेता योगी सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस मुद्दे पर मुखर को होकर घेरने में जुटे हुए हैं। कई जगहों पर सरकार के इस फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ। वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

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उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, असल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार सरकारी स्कूलों का मर्जर नहीं गरीबों के बच्चों के सपनों का मर्डर कर रही है। इससे पहले भी वो लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं और प्राथमिक विद्यालयों के विलय को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं।

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बता दें कि, बीते दिनों सपा नेता शिवपाल यादव ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि, शिक्षा का ‘विलय’ नहीं, ये तो भविष्य का वध है! उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने हजारों प्राथमिक विद्यालयों को जबरन मिलाकर शिक्षा को काग़ज़ों में समेट दिया है। बच्चे भटक रहे हैं, स्कूल गिनती में सिमट रहे हैं। सरकार कहती है: “जहां बच्चे कम हैं, वो स्कूल बंद करके बड़े स्कूल में मिला दो।” सवाल ये है: बच्चे कम क्यों हैं? क्योंकि शिक्षक नहीं हैं, सुविधाएं नहीं हैं, सरकार खुद ही स्कूलों को वीरान कर रही थी — अब ताला भी लगा दिया!
गाँव का स्कूल किसी बच्चे के जीवन की शुरुआत होती है। वहीं से वह पहला शब्द पढ़ता है, पहला सपना देखता है। अब वह बच्चा रोज़ 3-5 किमी पैदल जाएगा, या स्कूल छोड़ेगा—ये तय कर दिया है ‘डबल इंजन’ सरकार ने। आज भी हजारों परिवार अपनी बेटियों को दूर स्कूल भेजने से डरते हैं। बेटी बचाओ का ढोंग करने वाले, बेटी पढ़ाओ की जमीन खुद खोद रहे हैं।

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