दुर्लभ फूल ब्रह्मकमल को चमत्कारी माना जाता है। भगवान बद्री नारायण को अर्पित किए जाने वाले इस पुष्प का दर्शन साल में एक बार ही होता है। दुर्गम हिमालयी क्षेत्रों में मिलने वाले ब्रह्मकमल का रंग सफेद कमलनुमा फूल के जैसा होता है।
फूल ब्रह्मकमल को उत्तराखंड राज्य का पुष्प घोषित किया गया है। पुष्प काफी औषधियों वाले गुणों के होते हैं, और कई बीमारियों में रामबाण का काम भी करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अचूक माना जाता है।
ब्रह्मकमल को घर पर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने के साथ-साथ सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है। इसकी दुर्लभता और अल्प समय तक खिलने की क्षमता इसे दिव्य और रहस्यमयी बनाती है। ये फूल शनि और राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को भी कम करता है। वास्तु अनुसार ब्रह्मकमल को घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इसे मंदिर या पूजाघर के पास रखना और भी लाभकारी होता है।