बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी आज सोमवार को अयोध्या राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। आडवाणी दिल्ली के अपने आवास से ही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखेंगे। उन्होंने अयोध्या न जाने के पीछे अपने स्वस्थ्य और पड़ रही भयंकर ठण्ड को वजह बताया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी आज सोमवार को अयोध्या राम लला की प्राण प्रतिष्ठा (senior BJP leader Lal Krishna Advani) में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। आडवाणी दिल्ली के अपने आवास से ही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखेंगे। उन्होंने अयोध्या न जाने के पीछे अपने स्वस्थ्य और पड़ रही भयंकर ठण्ड को वजह बताया है। 96 साल के लाल कृष्णा आडवाणी का अयोध्या जाने का कार्यक्रम पहले से ही तय था। लेकिन अचानक हुए मौसम में बदलाव और अपनी स्वस्थ्य के चलते उन्होंने ये फैसला लिया है।
लालकृष्ण आडवाणी को पिछले दिनों विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, संघ नेता रामलला समेत कई लोगों ने उनके घर पर जाकर आमंत्रण पत्र दिया था। तब यह बात कही गई थी कि लालकृष्ण आडवाणी ( Lal Krishna Advani) भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। लेकिन लाल कृष्ण आडवाणी को अचानक अयोध्या जाने का कार्यक्रम बदलना पड़ा।
कहा जा रहा है कि उन्होंने बढ़ी हुई ठंड और अपनी तबीयत को देखते हुए यह फैसला लिया है। आपको बता दें की अयोध्या राम मंदिर निर्माण में लाल कृष्णा आडवाणी ( Lal Krishna Advani) की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका थी। लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे थे।
सोमनाथ से अयोध्या तक कि उनकी रथयात्रा ने एक दौर में पूरे देश में माहौल बना दिया था। इतना ही नहीं लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में ही भाजपा नेताओं की एक पूरी पीढ़ी तैयार हुई थी, जिसने राम मंदिर आंदोलन में सक्रियता से भाग लिया था।
लालकृष्ण आडवाणी ( Lal Krishna Advani) के राजनीतिक सफर में राम रथ यात्रा मील का पत्थर साबित हुई थी। यही नहीं 1984 में 2 सीटें जीतने वाली भाजपा ने 1989, 1991 और फिर लगातार चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया और बहुमत भी हासिल किया था।