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कलकत्ता हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को भेजा लंबी छुट्टी पर, इस्तीफे की कॉपी और केस डायरी की तलब

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RG Kar Medical College And Hospital) में जूनियर डॉक्टर की बर्बर हत्या के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने मंगलवार को सख्त रुख अख्तियार किया। सीबीआई जांच (CBI Investigation) की मांग, डॉक्टरों की सुरक्षा समेत अन्य मांगों को लेकर दायर 3 याचिकाओं पर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में सुनवाई हो रही है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RG Kar Medical College And Hospital) में जूनियर डॉक्टर की बर्बर हत्या के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने मंगलवार को सख्त रुख अख्तियार किया। सीबीआई जांच (CBI Investigation) की मांग, डॉक्टरों की सुरक्षा समेत अन्य मांगों को लेकर दायर 3 याचिकाओं पर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में सुनवाई हो रही है। इनमें से एक याचिका दरिंदगी की शिकार हुई डॉक्टर के माता-पिता की है। उन्होंने कोर्ट-निगरानी में दुष्कर्म-हत्या के मामले की जांच की मांग की है। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी (DGP) से 2 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।

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स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहे डॉ. घोष

हाईकोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) के पूर्व प्रमुख डॉ. संदीप घोष (Dr Sandip Ghosh) को लंबी छुट्टी पर भेजने का आदेश दिया है। इसी हॉस्पिटल के एक सेमिनार हॉल में 8 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना हुई थी। डॉ. घोष पर पीड़िता को दोषी ठहराने के आरोप लगे थे और वह हॉस्पिटल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी नाकाम रहे।

हाईकोर्ट ने डॉ. घोष के इस्तीफे की कॉपी मंगाई

चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम (Chief Justice TS Sivaganam) की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि इस बर्बर हत्याकांड में प्रिंसिपल की ओर से कोई संवेदना नजर नहीं आई। प्रिंसिपल सभी डॉक्टरों का संरक्षक होता है। अगर वह कोई सहानुभूति नहीं दिखाता तो कौन दिखाएगा? उसे काम पर नहीं बल्कि घर पर रहना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी सवाल किया कि कैसे एक सरकारी वकील डॉ. घोष की ओर से पैरवी कर रहा है। हाईकोर्ट ने चेतावनी दी कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। वह कैसे इस्तीफा दे सकता है और फिर दूसरी जिम्मेदारी से सम्मानित हो सकता है?

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हाईकोर्ट ने पुलिस को दोपहर 2 बजे तक केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है और डॉ. घोष के द्वारा दिए इस्तीफे की कॉपी मांगी है। बेंच ने कहा कि हम देखना चाहते हैं कि उन्होंने क्या लिखा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हमें सच्चाई बतानी चाहिए… कुछ कमी है यहां।

इस्तीफे के 24 घंटे में डॉ. घोष को मिली नई जिम्मेदारी

इससे पहले डॉ. घोष ने सोमवार को इस्तीफा देते हुए कहा था कि मृतक छात्रा मेरी बेटी जैसी थी। एक अभिभावक के तौर पर मैं इस्तीफा दे रहा हूं, लेकिन 24 घंटे बाद डॉ. घोष को कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया। कोर्ट ने इस मामले में बंगाल सरकार के रवैये पर कड़े सवाल उठाए हैं, जिसमें प्रिंसिपल की सुरक्षा को भी शामिल किया है।

 

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