जगत जननी मां अंबा की पूजा आराधना का दिन है चैत्र नवरात्रि। धर्मग्रंथों के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है।
Chaitra Navratri 2023 : जगत जननी मां अंबा की पूजा आराधना का दिन है चैत्र नवरात्रि। धर्मग्रंथों के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि.विधान के साथ की जाती है। मां का वाहन वृषभ है। मां शैलपुत्री को हिमालय राज पर्वत की बेटी कहा जाता है। शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं।
मार्कण्डेय पुराण में वर्णित है कि मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा-अर्चना करने से अच्छी सेहत और मान-सम्मान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा है। मां के इस रूप में दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प है। इस साल चैत्र नवरात्रि की 11 अप्रैल को समाप्त होगी। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान लोग उपवास रखते हैं। माता शैलपुत्री को सफेद रंग की चीजें प्रिय हैं। ऐसे में उन्हें सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करें। साथ ही सफेद वस्तुओं का भोग लगाएं।
मां शैलपुत्री के मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
ह्रीं शिवायै नम:.
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम् .
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्.
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्.
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन.
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥