सनातन जीवन संस्कृति का एक एक क्षण महत्वपूर्ण है। इसलिए इस संस्कृति का जीवन दर्शन पूर्ण विज्ञान है। 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रहा है। इसमे शक्ति की साधना का विधान है। इस शक्ति को समझना जरूरी है।
Chaitra Navratri 2024 : सनातन जीवन संस्कृति का एक एक क्षण महत्वपूर्ण है। इसलिए इस संस्कृति का जीवन दर्शन पूर्ण विज्ञान है। 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रहा है। इसमे शक्ति की साधना का विधान है। इस शक्ति को समझना जरूरी है। नवरात्रि में देवी दुर्गा के शक्तिपीठों के उद्भव और उनकी महत्ता की कथाओं का पाठ करना और सुनना बहुत फलदायी माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करना और मां आदिशक्ति के बारे मनन करना बहुत पुनीत माना जाता है।इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 09 अप्रैल,मंगलवार से शुरू हो रहे हैं और समापन 17 अप्रैल को राम नवमी पर होगा।
उदया तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि इस वर्ष 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानी 09 अप्रैल 2024 को रात को 08 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरू हो जाएगी।
घट स्थापना
वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक 09 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक पंचक रहेगा। यानी पंचक के समाप्त के बाद घट स्थापना करना शुभ रहेगा। 09 बजकर 11 मिनट पर अशुभ चौघड़िया रहेगा इस कारण से इस समय घट स्थापना न करें।
देवी आरती करें
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन तक सात्विक भोजन, साफ सफाई, देवी आराधना,भजन-कीर्तन, जगराता, मंत्रों का जाप और देवी आरती करें।
बाल और नाखून न काटें
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन तक प्याज,लहसुन,शराब,मांस-मछली का सेवन, लड़ाई, झगड़ा, कलह, कलेश, काले कपड़े और चमड़े की चीजें न पहने, दाढ़ी,बाल और नाखून न काटें।