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Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंद माता को लगाएं उनका फेवरेट केले के हलवे का भोग

आज 03 अप्रैल दिन गुरुवार को चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंद माता भगवान कार्तिकेय की माता है। स्कंदमाता की चार भुजाएं है। इनकी दाहिनी तरफ ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में है और नीचे वाली भुजा में कमल का फूल है।

By प्रिन्सी साहू 
Updated Date

आज 03 अप्रैल दिन गुरुवार को चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंद माता भगवान कार्तिकेय की माता है। स्कंदमाता की चार भुजाएं है। इनकी दाहिनी तरफ ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में है और नीचे वाली भुजा में कमल का फूल है।वहीं, मां की बाईं तरफ की ऊपरी भुजा वरमुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल है। स्कंदमाता शेर पर सवार होती हैं।

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मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। स्कंद माता का प्रिय भोग केला है। आप इन्हें केले से बनी चीजों का भी भोग लगा सकते है। आज हम आपको केले का हलवा बनाने का तरीका बताने जा रहे है।

केले का हलवा बनाने के लिए सामग्री

4 से 5 पके हुए केले
1 लीटर दूध
1 कप चीनी
2 से 3 चम्मच घी
10 से 15 बारीक कटे हुए ड्राई फ्रूट्स
आधा चम्मच इलायची पाउडर

केले का हलवा बनाने का तरीका

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केले का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले केले के छीलकर अच्छे से मैश कर लें।
फिर एक पैन में घी गरम करें और इसमें मैश किए हुए केले डालकर अच्छे से भून लें।
जब केले अच्छी तरीके से भुन जाएं तो इसमें दूध डालकर धीमी आंच पर पकाएं।
जब यह पकते-पकते गाढ़ा होने लगे तो इसमें चीनी डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
जब हलवा पूरी तरह से गाढ़ा हो जाए तो इसमें काजू-बादाम और इलायची पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं और फिर गैस बंद कर दें।
इसके बाद जब हलवा ठंडा हो जाए तो मां स्कंदमाता को इसका भोग लगाएं और सभी में प्रसाद के तौर पर बांटे और खुद भी खाएं।

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