सनातन धर्म में सभी पूर्णिमा तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा के दिन पड़ती है और इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस तिथि को लोग भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं, जो भगवान विष्णु के अत्यंत सरल रूप हैं।
Chaitra Purnima Satyanarayan Vrat 2023: सनातन धर्म में सभी पूर्णिमा तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा के दिन पड़ती है और इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस तिथि को लोग भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं, जो भगवान विष्णु के अत्यंत सरल रूप हैं। विष्णु भक्त पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण व्रत करते हैं, भगवान सत्यनारायण की कथा सुनते है।
कई समुदाय अपनी कुल परम्परा के अनुसार पूर्णिमा तिथि को एक दिन का उपवास रखते हैं। कुल परम्पराएं पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही पारिवारिक परंपराएं हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान काफी महत्व रखता है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
चैत्र पूर्णिमा तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा। वैसे तो व्रत उदया तिथि के अनुसार रखा जाता है। लेकिन इस बार 5 अप्रैल को पूर्णिमा तिथि अधिक समय तक रहेगी और इसलिए 5 अप्रैल को ही चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखना शुभ है।
लोग दान-पुण्य करते हैं
इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं। फिर वे भगवान सूर्य को अर्घ्य (जल) अर्पित करते हैं जो इस दिन फलदायी माना जाता है। कुछ भक्त अपनी बाल्टियों में गंगाजल डालते हैं और घर पर पवित्र स्नान करते हैं। कई भक्त इस दिन सत्यनारायण व्रत रखते हैं और भगवान को प्रार्थना करते हैं। इस दिन लोग दान-पुण्य करते हैं – गरीबों को भोजन, धन और वस्त्र वितरित करते हैं।