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चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट ने भेजी चांद की पहली तस्वीर, ISRO ने ट्विटर पर शेयर किया वीडियो

चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission)के तहत चांद की पहली तस्वीर सामने आ गई है। इस तस्वीर को स्पेसक्राफ्ट में लगे कैमरे के जरिए रिकॉर्ड किया गया है। चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) शनिवार को चांद के ऑर्बिट में पहुंचा। इस दौरान चांद के पास चक्कर लगाते हुए स्पेसक्राफ्ट में लगे कैमरे ने चंद्रमा की एक वीडियो बनाई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission)के तहत चांद की पहली तस्वीर सामने आ गई है। इस तस्वीर को स्पेसक्राफ्ट में लगे कैमरे के जरिए रिकॉर्ड किया गया है। चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) शनिवार को चांद के ऑर्बिट में पहुंचा। इस दौरान चांद के पास चक्कर लगाते हुए स्पेसक्राफ्ट में लगे कैमरे ने चंद्रमा की एक वीडियो बनाई है। वीडियो में चमकदार चांद को देखा जा सकता है। स्पेसक्राफ्ट में लगे हुए सोलर पैनल भी वीडियो में नजर आ रहे हैं। चांद की इन पहली झलकियों को ISRO ने ट्विटर पर शेयर किया है।

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आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) 14 जुलाई को लॉन्च हुआ था। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के पांच चक्कर लगाते हुए चांद की ओर रवाना हुआ। मिशन के लिए शनिवार का दिन काफी अहम रहा, क्योंकि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 ) ने लूनर ऑर्बिट इंसर्शन (LOI) को पूरा किया। आसान भाषा में समझें, तो चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) चांद के ऑर्बिट में पहुंचा। अब चंद्रयान स्पेसक्राफ्ट को चांद के चार चक्कर लगाना है और फिर ये सतह के करीब पहुंचने पर लैंडिंग की तैयारी करेगा।

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जानें कब होगी चांद पर लैंडिंग?

चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) भारत का तीसरा मानवरहित मून मिशन है। लूनर ऑर्बिट इंसर्शन पूरा करने के साथ ही स्पेसक्राफ्ट ने चांद तक की अपनी दो-तिहाई दूरी तय कर ली है। अब इसका अगला पड़ाव चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर 23 अगस्त को लैंड करने वाला है। प्रोपल्शन से अलग होने के बाद लैंडर सतह पर पहुंचेगा और रोवर इससे बाहर निकलेगा, ताकि चंद्रमा की सतह पर साइंटिफिक रिसर्च की जा सके।

मिशन का मकसद क्या है?

चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) का मकसद चांद की सतह एक सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना है। इसके बाद लैंडर से रोवर बाहर आएगा, जो चांद की सतह पर चक्कर लगाने वाला है। इसे चांद की उबड़-खाबड़ सतह पर चलाया जाएगा। मिशन के तहत चंद्रमा की सतह पर ही कई तरह के एक्सपेरिमेंट किए जाएंगे।

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