चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) अब चंद्रमा की कक्षा में पांचवें और अंतिम चरण में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। बुधवार को चंद्रयान-3 की चौथी बार कक्षा बदली गई। इसी के साथ यह चंद्रमा की सतह के बिलकुल करीब पहुंच गया है। वहीं, अंतरिक्षयान ने चंद्रमा से जुड़े अपने सभी युद्धाभ्यास पूरे कर लिए हैं।
Chandrayaan-3 News: चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) अब चंद्रमा की कक्षा में पांचवें और अंतिम चरण में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। बुधवार को चंद्रयान-3 की चौथी बार कक्षा बदली गई। इसी के साथ यह चंद्रमा की सतह के बिलकुल करीब पहुंच गया है। वहीं, अंतरिक्षयान ने चंद्रमा से जुड़े अपने सभी युद्धाभ्यास पूरे कर लिए हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) ने ट्वीट करके कहा, ‘आज की सफल फायरिंग (जो थोड़े समय के लिए आवश्यक थी) ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया। इसके साथ चांद की ओर बढ़ने के सभी प्रवेश चरण पूरे हुए। अब प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल (जिसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं) के अलग होने की तैयारी है। बृहस्पतिवार को लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग होंगे।’
Chandrayaan-3 Mission:
Today’s successful firing, needed for a short duration, has put Chandrayaan-3 into an orbit of 153 km x 163 km, as intended.
With this, the lunar bound maneuvres are completed.
पढ़ें :- ISRO का Proba-3 मिशन का प्रक्षेपण 5 दिसंबर को शाम 4:12 बजे होगा
It’s time for preparations as the Propulsion Module and the Lander Module… pic.twitter.com/0Iwi8GrgVR
— ISRO (@isro) August 16, 2023
सूत्रों की माने तो प्रोपल्शन मॉड्यूल (Propulsion Module) से अलग होने के बाद लैंडर को डीबूस्ट (धीमा करने की प्रक्रिया) किया जाएगा, जिससे लैंडर को एक कक्षा में स्थापित किया जा सके जहां से पेरिल्यून (चंद्रमा से निकटतम बिंदु) 30 किमी और अपोल्यून (चंद्रमा से सबसे दूर का बिंदु) 100 किमी दूर है। 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास होगा।