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Chandrayaan-3 Landing: आज चांद पर उतरेगा चंद्रयान-3, सुरक्षित लैंडिंग के लिए 80 प्रतिशत बदलाव

Chandrayaan-3 Landing: भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 की लैंडिंग (Chandrayaan-3 Landing) पर आज 23 अगस्त 2023 को पूरी दुनिया की नजरें टिकी रहने वाली हैं। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर शाम 6 बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर लैंडिंग करेगा। इस दौरान सबकी धड़कनें बढ़ने वाली हैं। इस बार चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को इसरो ने '17 मिनट का खौफ' करार दिया है। वहीं, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वाईएस राजन (YS Rajan) ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत बदलाव किए गए हैं। 

By Abhimanyu 
Updated Date

Chandrayaan-3 Landing: भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 की लैंडिंग (Chandrayaan-3 Landing) पर आज 23 अगस्त 2023 को पूरी दुनिया की नजरें टिकी रहने वाली हैं। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर शाम 6 बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर लैंडिंग करेगा। इस दौरान सबकी धड़कनें बढ़ने वाली हैं। इस बार चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को इसरो ने ’17 मिनट का खौफ’ करार दिया है। वहीं, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वाईएस राजन (YS Rajan) ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत बदलाव किए गए हैं।

पढ़ें :- धरती की कक्षा में वापस लौटा Chandrayaan-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल, अब ISRO का होगा ये अगला कदम

चार साल पहले सात सितंबर, 2019 को चंद्रयान-2 मिशन चांद पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान तब असफल हो गया था। चंद्रयान-2 मिशन (Chandrayaan-2 Mission) का लैंडर ‘विक्रम’ ब्रेक संबंधी प्रणाली में गड़बड़ी होने के कारण चंद्रमा की सतह से टकरा गया था। लेकिन इस बार इसरो की ओर से कई बड़े बदलाव किए गया हैं। सुरक्षित लैंडिंग के मद्देनजर पूर्व वैज्ञानिक वाईएस राजन ने बताया कि चंद्रयान-3 में लगभग 80 प्रतिशत बदलाव किए गए हैं और कई चीजें शामिल की हैं। पहले यह उतरते समय सिर्फ ऊंचाई देखता था, जिसे अल्टीमीटर कहा जाता है। इसके अलावा अब उन्होंने एक वेलोसिटी मीटर भी जोड़ा गया है, जिसे डॉप्लर कहा जाता है। इससे ऊंचाई और वेग का भी पता चल जाएगा, ताकि यह खुद को नियंत्रित कर सके।

हालात पर निर्भर करेगी लैंडिंग

इससे पहले इसरो के निदेशक नीलेश देसाई (ISRO Director Nilesh Desai) कह चुके हैं कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग से कुछ घंटे पहले निर्णय लिया जाएगा कि लैंडिंग के लिए समय उचित है या नहीं। यह लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा के हालात पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि लैंडर 23 अगस्त को 30 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करेगा। उस समय इसकी स्पीड 1.68 किमी प्रति सेकंड होगी।

इसरो के निदेशक ने कहा कि लैंडिंग के समय हमारा ध्यान उस गति को कम करने पर होगा, क्योंकि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल (Moon’s Gravitational Force) भी इसमें भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि  अगर उस गति को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं, तो क्रैश लैंडिंग की आशंका होगी। 23 अगस्त को कोई भी स्वास्थ्य पैरामीटर (लैंडर मॉड्यूल का) असामान्य पाया जाता है, तो हम लैंडिंग को 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर देंगे।

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