Propulsion Module of Chandrayaan-3 Mission: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 23 अक्टूबर 2023 को चंद्रयान मिशन-3 (Chandrayaan-3 Mission) के विक्रम लैंडर को सफलतापूर्वक उतारकर इसरो ने इतिहास रच दिया था। इस मिशन की सफलता के बाद अब इसरो ने प्रोपल्शन मॉड्यूल (Propulsion Module) को धरती की कक्षा में स्थापित कर एक और कामयाबी हासिल की है। अब प्रोपल्शन मॉड्यूल के अंदर लगे SHAPE पेलोड के जरिए धरती की स्टडी की जाएगी।
Propulsion Module of Chandrayaan-3 Mission: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 23 अक्टूबर 2023 को चंद्रयान मिशन-3 (Chandrayaan-3 Mission) के विक्रम लैंडर को सफलतापूर्वक उतारकर इसरो ने इतिहास रच दिया था। इस मिशन की सफलता के बाद अब इसरो ने प्रोपल्शन मॉड्यूल (Propulsion Module) को धरती की कक्षा में स्थापित कर एक और कामयाबी हासिल की है। अब प्रोपल्शन मॉड्यूल के अंदर लगे SHAPE पेलोड के जरिए धरती की स्टडी की जाएगी।
पहले योजना थी कि शेप पेलोड (SHAPE- Spectropolarimetry of Habitable Planet Earth) को सिर्फ तीन महीने चलाया जाएगा, क्योंकि ये माना जा रहा था कि PM सिर्फ इतने ही दिन काम कर पाएगा। उसके बाद इसकी जिंदगी खत्म हो जाएगी, लेकिन प्रोपल्शन मॉड्यूल (Propulsion Module) में इतना फ्यूल है कि अभी वह सालों तक काम कर सकता है। शेप के जरिए धरती की स्टडी करने के लिए प्रोपल्शन मॉड्यूल को धरती के नजदीक और उसकी सही ऑर्बिट में लाना था। ऐसे में प्रोपल्शन मॉड्यूल (Propulsion Module) चांद की 100 किलोमीटर ऊंचाई वाली गोलाकार ऑर्बिट से वापस लाने का फैसला किया गया। इसके बाद 9 अक्टूबर 2023 को इसरो वैज्ञानिकों ने PM को अपनी ऑर्बिट बदलने का निर्देश दिया। प्रोपल्शन मॉड्यूल को चांद की कक्षा से धरती की कक्षा में इस तरह लाया गया है कि वो किसी सैटेलाइट से ना टकराए।
Chandrayaan-3 Mission:
Ch-3’s Propulsion Module (PM) takes a successful detour!
In another unique experiment, the PM is brought from Lunar orbit to Earth’s orbit.
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An orbit-raising maneuver and a Trans-Earth injection maneuver placed PM in an Earth-bound orbit.… pic.twitter.com/qGNBhXrwff
— ISRO (@isro) December 5, 2023