चातुर्मास एक तप है। संत, महात्मा, योगी ,ध्यानी , ज्ञानी सभी भगवान की भक्ति में पूर्ण एकाग्रता से लीन होने के लिए चातुर्मास के खास अवसर पर किसी धर्म स्थल पर पहुंच जाते है।
Chaturmas 2023 : चातुर्मास एक तप है। संत, महात्मा, योगी ,ध्यानी , ज्ञानी सभी भगवान की भक्ति में पूर्ण एकाग्रता से लीन होने के लिए चातुर्मास के खास अवसर पर किसी धर्म स्थल पर पहुंच जाते है। हिंदी पंचांग के अनुसार,चातुर्मास व्रत आषाढ़ मास(Chaturmas Vrat Ashad month) में देव शयनी एकादशी (Dev Shayani Ekadashi) से शुरू होता है और कार्तिक माह में उत्तरायण एकादशी (kartik maas mein uttarayan ekadashi) पर समाप्त होता है।
इस बार यह पर्व 5 माह का होगा। चातुर्मास की शुरुआत गुरुवार 29 जून 2023 से हो रही है। इस दिन से भगवान विष्णु 5 माह के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे। फिर 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन भगवान जागेंगे और फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
1.पूरे चातुर्मास के समय में व्रती को कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है।
2.पूरे चातुर्मास में ब्रह्मचर्य के नियमों का खास पालन करना चाहिए।
3. चातुर्मास में एक समय भोजन करने का नियम है। इस दौरान तप, जप साधना, योग आदि करना चाहिए।
4. चातुर्मास के दौरान क्रोध करने से बचना चाहिए।
5.चातुर्मास अवधि के दौरान भक्त लहसुन और प्याज में तैयार भोजन ग्रहण नहीं करते। भक्तगण इन चार महीनों के दौरान रामायण, गीता और भागवत पुराण के रूप में धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने में गुणवत्ता समय बिताते हैं।