मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले (Rewa District) के स्कूलों में माता-पिता की अनुमति के बिना बच्चों को स्कूलों में कोई भी वेशभूषा नहीं पहनाई जाएगी।दिसंबर माह में क्रिसमस (Christmas) पर बच्चों को स्कूलों में सैंटा क्लॉज (Santa Claus) बनाया जाता है। सैंटा क्लॉज बनाएं जाने का अभिभावकों ने कई बार विरोध किया है।
रीवा। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले (Rewa District) के स्कूलों में माता-पिता की अनुमति के बिना बच्चों को स्कूलों में कोई भी वेशभूषा नहीं पहनाई जाएगी।दिसंबर माह में क्रिसमस (Christmas) पर बच्चों को स्कूलों में सैंटा क्लॉज (Santa Claus) बनाया जाता है। सैंटा क्लॉज बनाएं जाने का अभिभावकों ने कई बार विरोध किया है।
इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के बाल संरक्षण आयोग (Child Protection Commission) ने शिक्षा विभाग और कलेक्टरों को आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि सैंटा क्लाज (Santa Claus) या अन्य कोई और वेशभूषा पहनाने के लिए अभिभावकों को लिखित अनुमति लेनी जरूरी होगी। यह आदेश मध्य प्रदेश बाल अधिकारी संरक्षण आयोग (Madhya Pradesh Child Officer Protection Commission) की ओर से 12 दिसंबर 2024 को जारी किया गया है।
अभिभावक करते थे शिकायत
बाल आयोग ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि बीते कुछ सालों में क्रिसमस पर अभिभावकों की ओर से इस तरह की शिकायतें दर्ज कराई जाती थी। जिनमें कहा जाता था कि उन्हें स्कूल की ओर से सैंटा की ड्रेस खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। इसलिए इस बार क्रिसमस से पहले बाल आयोग ने शिक्षा विभाग के जरिए जिले के सभी स्कूलों को आदेश जारी कर दिया है।
अगर स्कूलों में बच्चों को माता-पिता की लिखित अनुमति के बिना सैंटा बनाया जाएगा तो इसकी शिकायत होने पर स्कूल के प्राचार्य को जिम्मेदार माना जाएगा और स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध सक्त कारवाई की जायेगी।
बिना अनुमति नहीं पहनाएं वेशभूषा
जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे (District Education Officer Vivek Dubey) ने बताया बाल आयोग (Child Commission) के आदेश पर जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं। वे माता पिता की बिना अनुमति के उन्हें कोई भी वेशभूषा नहीं पहनाएं। इस आदेश का अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों (Minority educational institutions) ने भी स्वागत किया है।