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ईसाई समुदाय क्रिसमस मनाने की तैयारी में जुटा, यह उत्सव हर्षित और भक्तिमय हो

क्रिसमस इस साल, रविवार, 30 नवंबर 2025 को 'आगमन काल' की शुरुआत के साथ शुरू हुआ। 'एडवेंट' शब्द लैटिन भाषा के 'एडवेंटूस' से आया है, जिसका अर्थ है 'आगमन', क्रिसमस की तैयारी में चार सप्ताह की प्रार्थनापूर्ण तैयारी, बेथलहेम में प्रभु यीशु मसीह के जन्म का उत्सव की तैयारी है।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। लखनऊ और आसपास का ईसाई समुदाय 25 दिसंबर को क्रिसमस के महान त्योहार को खुशी और हर्ष के साथ मनाने की तैयारी कर रहा है। क्रिसमस इस साल, रविवार, 30 नवंबर 2025 को ‘आगमन काल’ की शुरुआत के साथ शुरू हुआ। ‘एडवेंट’ शब्द लैटिन भाषा के ‘एडवेंटूस’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘आगमन’, क्रिसमस की तैयारी में चार सप्ताह की प्रार्थनापूर्ण तैयारी, बेथलहेम में प्रभु यीशु मसीह के जन्म का उत्सव की तैयारी है।

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कई क्रिसमस गतिविधियां हैं जो इस अवसर के खुश और आनंदमय स्वभाव को प्रदर्शित करेंगी। शहर के मुख्य चर्च सेंट जोसेफ कैथेड्रल, हजरतगंज में 24 दिसंबर को रात करीब 10.30 बजे क्रिसमस कैरल गायन के साथ पवित्र मिस्सा होगा, और इसकी अगुवाई करेगें लखनऊ के बिशप जेराल्ड जॉन मथियस और अन्य पुरोहित। इस वर्ष, पल्ली सदस्य 25 दिसंबर को मध्यरात्रि पवित्र मिस्सा और दिन के दौरान आयोजित पूजा सेवाओं में भाग लेंगे।

वहीं कैथेड्रल कंपाउंड को क्रिसमस लाइट्स, क्रिसमस क्रिब और क्रिसमस स्टार्स से सजाया जाएगा, जो क्रिसमस के खुशनुमा माहौल को दर्शाएगा। हर साल, क्रिसमस के दिन, सुबह लगभग 10.00 बजे से रात 10.00 बजे तक 80,000 से अधिक लोग चर्च और माता मरियम का ग्रोटो में मन्नत की मोमबत्तियाँ जलाने और प्रार्थना करने आते हैं। आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों में 26 दिसंबर 2025 को शाम 4.30 बजे शहर के प्रमुख नागरिक और धार्मिक नेताओं के लिए ‘क्रिसमस गेट-टूगेदर’ है।

अपने क्रिसमस संदेश में, लखनऊ के बिशप जेराल्ड मथियस ने कहा कि क्रिसमस में हम शांति के राजकुमार, ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं! यह क्रिसमस हमारे लिए प्रभु यीशु मसीह द्वारा प्रदान की गई वास्तविक शांति और आनंद लाए जिसकी आज की दुनिया में बहुत आवश्यकता है। उन्होंने समुदाय से अपील की कि वे क्रिसमस के आध्यात्मिक संदेश की ओर लौटें और इस महत्वपूर्ण पवित्र पर्व का व्यावसायीकरण न करें। यह जानकारी चांसलर एवं प्रवक्ता, लखनऊ कैथोलिक धर्मप्रांत रेवरेंड डॉ. डोनाल्ड एच.आर. डी सूजा ने दी।

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