HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. CJI DY Chandrachud ने विदाई समारोह में सुनाया भावुक किस्सा, पिता ने कहा था-पुणे का फ्लैट सेवानिवृत्त तक अपने पास जरूर रखना

CJI DY Chandrachud ने विदाई समारोह में सुनाया भावुक किस्सा, पिता ने कहा था-पुणे का फ्लैट सेवानिवृत्त तक अपने पास जरूर रखना

सीजेआई (CJI)  ने अपने पिता से जुड़ा एक किस्सा सुनाया और बताया कि किस तरह से उनके पिता और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ (Former Chief Justice of the country YV Chandrachud) ने उन्हें पुणे का एक फ्लैट रिटायरमेंट तक बेचने से मना किया था और इसकी वजह क्या थी?

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud ) ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (Supreme Court Bar Association) द्वारा आयोजित किए गए विदाई समारोह में शिरकत की। इस दौरान सीजेआई (CJI)  ने अपने पिता से जुड़ा एक किस्सा सुनाया और बताया कि किस तरह से उनके पिता और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ (Former Chief Justice of the country YV Chandrachud) ने उन्हें पुणे का एक फ्लैट रिटायरमेंट तक बेचने से मना किया था और इसकी वजह क्या थी?

पढ़ें :- Pegasus Hacking Controversy : US कोर्ट ने NSO ग्रुप को सुनाई सजा, WhatsApp की बड़ी जीत

पुणे के फ्लैट को तब तक अपने पास रखना, जब तक तुम बतौर जज सेवानिवृत्त न हो जाओ

मुख्य न्यायाधीश ने विदाई समारोह के दौरान अपने संबोधन में उनके और उनके पिता के बीच हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि ‘उन्होंने (Father YV Chandrachud) पुणे में एक छोटा सा फ्लैट खरीदा था। मैंने उनसे पूछा कि आपने पुणे में फ्लैट क्यों लिया? जबकि आप इसमें रहेंगे भी नहीं। इस पर उन्होंने मुझे कहा कि मुझे पता है कि मैं उसमें नहीं रह पाऊंगा और मुझे ये भी नहीं पता कि मैं कब तक तुम लोगों के साथ रहूंगा, लेकिन इस फ्लैट को तब तक अपने पास रखना, जब तक तुम बतौर जज सेवानिवृत्त न हो जाओ।’

कभी भी बतौर वकील या न्यायाधीश इसलिए समझौता मत करना कि तुम्हे लगे कि तुम्हारे पर अपनी कोई जगह नहीं है

सीजेआई (CJI) ने कहा कि इस पर मैंने अपने पिता से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि ‘अगर तुम्हें कभी लगे कि तुम्हारी नैतिक और बौद्धिक ईमानदारी से समझौता हो रहा है। तो मैं चाहता हूं कि तुम्हें ये पता रहे कि तुम्हारे सिर पर एक छत है। कभी भी बतौर वकील या न्यायाधीश इसलिए समझौता मत करना कि तुम्हे लगे कि तुम्हारे पर अपनी कोई जगह नहीं है।’

पढ़ें :- हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को महज 10 से 15 हजार रुपये मिलती है पेंशन, यह बेहद दयनीय स्थिति : सुप्रीम कोर्ट

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...