यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 10 अक्टूबर से पहले सड़कों को गड्ढामुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हर सड़क बेहतर बनाएं ताकि आदमी उस पर चले तो उसे सुखद अनुभूति हो। योगी ने कहा कि नई बनने वाली हर सड़क की 5 साल की गारंटी हो, सड़क खराब हुई तो निर्माता एजेंसी ही पुनर्निर्माण करें।
नई दिल्ली। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 10 अक्टूबर से पहले सड़कों को गड्ढामुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की हर सड़क बेहतर बनाएं ताकि आदमी उस पर चले तो उसे सुखद अनुभूति हो। योगी ने कहा कि नई बनने वाली हर सड़क की 5 साल की गारंटी हो, सड़क खराब हुई तो निर्माता एजेंसी ही पुनर्निर्माण करें। सीएम योगी (CM Yogi) ने एनएचएआई (NHI) से साफ तौर पर कहा है कि अधूरे हाइवे पर टोल वसूली न हो। बजट की कोई कमी नहीं है, बस अच्छे प्लानिंग पर ध्यान दें। गड्ढामुक्ति और नवनिर्माण के अभियान की जियो टैगिंग (Geo Tagging) करें, साथ ही उसे पीएम गतिशक्ति पोर्टल (PM Gatishakti Portal) से जोड़ें।
सीएम ने विभागों को निर्देश दिया कि मैनुअल के स्थान पर मैकेनाइज़्ड रोड रिपेयरिंग (Mechanized Road Repairing) को प्राथमिकता दें। ग्राम सचिवालयों की तर्ज पर गन्ना समिति के कार्यालयों का अपग्रेडेशन किया जाए। दरअसल, सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आगामी दिनों में शारदीय नवरात्रि, दशहरा तथा दीपावली आदि पर्व और त्योहारों के दृष्टिगत प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए जारी विशेष अभियान 10 अक्टूबर तक सम्पन्न करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को विभिन्न विभागों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व व त्योहारों पर प्रदेश में आवागमन सामान्य की अपेक्षा अधिक होता है। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं। हर एक आदमी के लिए सड़क पर चलना सुखद अनुभव वाला हो, यह हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। गड्ढामुक्ति/सड़कों की मरम्मत का काम अच्छी गुणवत्ता के साथ होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मंडी परिषद को निर्देश देते हुए कहा कि किसान सड़कों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। किसानों की सुविधा का खास ध्यान रखा जाए। एफडीआर (FDR) पद्धति से सड़कें बनाई जाएं। इस पद्धति के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों, धन व समय की बचत होती है तथा कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है।
हाइवे का निर्माण कार्य पूरा होने तक टोल वसूली न की जाए
उन्होंने कहा कि मंडी समिति (Mandi Committee) के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों की मरम्मत एवं ड्रेनेज का कार्य निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए। क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाए। वहीं, एनएचएआई (NHI) के अधिकारियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक हाइवे का निर्माण कार्य पूर्ण न हो जाए तब तक टोल टैक्स की वसूली न की जाए। गड्ढा मुक्ति अभियान (Pothole Free Campaign) के लिए विभागीय कार्ययोजना से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़कों के लिए बजट का कोई अभाव नहीं है, आवश्यकता है कि सभी विभाग बेहतर नियोजन करें। उन्होंने सभी विभागों को यह निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क बनाने वाली एजेंसी/ठेकेदार सड़क बनने के अगले 05 वर्ष तक उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी भी उठाएगा। इस बारे में नियम-शर्ते स्पष्ट रूप से उल्लिखित की जाएं। विभागीय मंत्री व अधिकारी फील्ड में रैंडम दौरा कर निर्माण परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करें। कार्यों के प्रति जवाबदेही भी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने कार्य को मैनुअल के स्थान पर मैकेनाइज़्ड किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि सभी विभागों के पास सड़क मरम्मत के लिए पर्याप्त इक्विपमेंट होने चाहिए। सड़कों के पैच ठीक करने की कार्रवाई ऑटो मोड पर की जानी चाहिए। सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि सड़कों पर किए जाने वाले बेतरतीब कार्यों से दुर्घटना होने की संभावना बनती है। सड़कों पर सीवर लाइन तथा पाइपलाइन आदि डालने के बाद ठीक ढंग से मरम्मत की जानी चाहिए। सड़कों पर ऊंचे ब्रेकर से दुर्घटना होने की संभावना बनती है। अतः सड़कों पर टेबल टॉप ब्रेकर का निर्माण किया जाए।
गड्ढामुक्ति और नवनिर्माण के अभियान की जियो टैगिंग
सीएम योगी (CM Yogi) ने आगे कहा कि गड्ढामुक्ति और नवनिर्माण के अभियान की जियो टैगिंग (Geo Tagging) कराई जाए। इसे पीएम गतिशक्ति पोर्टल (PM Gatishakti Portal) से जोड़ा जाना चाहिए, साथ ही इसी तर्ज पर अपना पोर्टल भी विकसित किया जाना चाहिए ताकि कार्य की गुणवत्ता की अनवरत मॉनीटरिंग की जा सके। एक्सप्रेसवे की मरम्मत का कार्य भी आगे बढ़ाया जाए, जिससे पर्व व त्योहारों पर लोगों का आवागमन सुगम हो सके। एमपी तथा एमएलए निधि (MP/MLA fund) के अंतर्गत बनी सड़कों की मरम्मत के लिए कार्य योजना तैयार करें। साथ ही साथ गन्ना विभाग द्वारा गन्ना समिति तथा विद्यालयों के भवनों की मरम्मत की जाए। प्रदेश में ग्राम सचिवालयों की अवधारणा को केंद्र सरकार ने मॉडल के रूप में स्वीकार किया है। ग्राम सचिवालयों की तर्ज पर गन्ना समिति के कार्यालयों का अपग्रेडेशन किया जाए। किसानों के लिए डिस्प्ले बोर्ड पर उपयोगी सूचनाएं प्रदर्शित की जाएं तथा किसानों की क्वेरीज का समाधान किया जाए।
जिला मुख्यालयों पर मंडी समिति तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सीएसआर पद्धति के माध्यम से पेयजल, टॉयलेट, कैंटीन आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। इस कार्य से महिला स्वयं समूहों को भी जोड़ा जाए। मंडियों में कैंटीन के माध्यम से किसानों के लिए कम कीमत में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी, स्ट्रीट लाइट तथा साफ सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी जनपदों के नगर पंचायत, नगर निगम तथा नगर पालिका परिषदों में प्राइम लोकेशनों पर स्मार्ट रोड की अवधारणा को आगे बढ़ाया जाए। स्मार्ट रोड पर एक जैसी फसाड लाइट लगाई जाएं। नगर विकास विभाग भी शहरों की फसाड लाइटिंग में समरूपता प्रदर्शित करें। प्रदेश में शहरीकरण का निरंतर विस्तार हो रहा है। अवैध कालोनियों को किसी भी दशा में विकसित न होने दिया जाए। सड़क, बिजली पानी आदि बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के बाद ही नवीन कालोनियों का हैंडोवर कराया जाए।
राज्य महिला आयोग को बड़ी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवगठित राज्य महिला आयोग (State Women Commission) को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए कहा कि देश में अतिशीघ्र नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan Act) प्रभावी होने जा रहा है। इसके माध्यम से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की कुल सीटों में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी। प्रदेश की महिलाओं को इसका वास्तविक लाभ मिल सके, इसके लिए उनमें नेतृत्व क्षमता विकास के लिए विशेष प्रयास किया जाना आवश्यक है। महिला हितों के संरक्षण तथा उनके कल्याण में राज्य महिला आयोग की बड़ी भूमिका है। राज्य महिला आयोग (State Women Commission) इसके लिए विस्तृत कार्यक्रम तैयार करें।
मंगलवार को नवगठित राज्य महिला आयोग (State Women Commission) की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष द्वय और सदस्यों सहित सभी पदाधिकारियों के साथ विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य महिला आयोग (State Women Commission) के गठन के उद्देश्यों, दायित्वों, अधिकारों पर भी चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1090, 181 और 112 जैसी महत्वपूर्ण हेल्पलाइन को इंटीग्रेट किया जा गया है। पूरे प्रदेश से महिलाओं की समस्याएं यहां प्राप्त होती है। महिला आयोग को 1090 का भ्रमण कर वहां आ रही समस्याओं को समझना चाहिए। 1090 की व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए अपने सुझाव भी देने चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी, बीसी सखी को भी समय-समय पर आयोग द्वारा मार्गदर्शन दिये जाने की अपेक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने आयोग के सुचारु कामकाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।