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वाराणसी और गोरखपुर के कमिश्नरी कार्यालयों की पहचान आइकॉनिक बिल्डिंग के तौर पर होनी चाहिए, बैठक में बोले सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर के कमिश्नरी कार्यालयों की पहचान आइकॉनिक बिल्डिंग के तौर पर होनी चाहिए। इसे ध्यान में रखकर दोनों कार्यालयों की डिजाइन बनाएं। दोनों कमिश्नरी के भवनों में स्थानीय संस्कृति की झलक दिखाई देनी चाहिए।

By शिव मौर्या 
Updated Date

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी और गोरखपुर में नए एकीकृत कमिश्नरी कार्यालयों के निर्माण के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर के कमिश्नरी कार्यालयों की पहचान आइकॉनिक बिल्डिंग के तौर पर होनी चाहिए। इसे ध्यान में रखकर दोनों कार्यालयों की डिजाइन बनाएं। दोनों कमिश्नरी के भवनों में स्थानीय संस्कृति की झलक दिखाई देनी चाहिए।

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इसके साथ ही कहा, वाराणसी और गोरखपुर में नए एकीकृत कमिश्नरी कार्यालयों के भवनों के निर्माण से सभी विभागों की मॉनिटरिंग सुविधाजनक होगी। सभी कार्यालय एक छत के नीचे होने से जनता को भटकना नहीं पड़ेगा। गोरखपुर और वाराणसी विकास प्राधिकरण इस बात का ध्यान रखें कि दोनों एकीकृत कार्यालयों में कॉन्फ्रेंस हॉल, ओपन ऑफिस, क्यूबिकल ऑफिस और स्टोरेज की व्यवस्था हो। साथ ही इन कार्यालयों में बैंक, जिम, कैफेटेरिया और पार्किंग का भी प्रावधान रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, गोरखपुर और वाराणसी में ट्विन बिल्डिंग के रूप में निर्माण कार्य किया जाए। मंडलीय कार्यालयों में व्यावसायिक और सरकारी भवनों को पृथक-पृथक रखा जा जाए। इसमें एक में सभी सरकारी कार्यालय, जबकि दूसरे भवन का व्यावसायिक उपयोग किया जाए। शिफ्ट कराए गए कार्यालयों की खाली भूमि को ‘मोनेटाइज’ कर व्यावसायिक उपयोग में लाया जाए।

उन्होंने कहा कि, वाराणसी में भवन निर्माण और डिजाइन बनाने के लिए IIT BHU का भी सहयोग लिया जाए। भवनों में अधिवक्ताओं के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था हो। जनता, अधिकारी, कर्मचारी और अधिवक्ताओं की गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की जाए। भवनों के निर्माण के बाद चरणबद्ध तरीके से गोरखपुर और वाराणसी में सभी कार्यालयों को शिफ्ट किया जाए।

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