देश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर कर चुनाव संचालन नियम, 1961 (Election Conduct Rules, 1961) में हाल ही में किए गए संशोधनों को चुनौती दी। कहा कि देश में चुनावी प्रक्रिया की अखंडता तेजी से खत्म हो रही है।
नई दिल्ली। देश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर कर चुनाव संचालन नियम, 1961 (Election Conduct Rules, 1961) में हाल ही में किए गए संशोधनों को चुनौती दी। कहा कि देश में चुनावी प्रक्रिया की अखंडता तेजी से खत्म हो रही है। बता दें कि केंद्र सरकार ने सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में बदलाव (Change in Election Rules) किया है ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके।
पार्टी नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार चुनाव आयोग को ऐसे महत्वपूर्ण कानून में एकतरफा संशोधन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने ट्वीट किया कि चुनाव नियम, 1961 में हाल ही में किए गए संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक रिट दायर की गई है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार संवैधानिक निकाय चुनाव आयोग (Constitutional body Election Commission) को एकतरफा और बिना सार्वजनिक परामर्श के इस तरह के महत्वपूर्ण कानून में इस तरह के बेशर्मी से संशोधन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
Congress leader #JairamRamesh, disclosed that his party has filed a writ petition in the #SupremeCourt (SC) challenging the recently affected amendment to the Conduct of Election Rules.https://t.co/04UyBkEw0e#politics #TheStatesman
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) December 24, 2024
चुनावी प्रक्रिया की अखंडता खत्म हो रही
उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से तब सच है जब यह संशोधन चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली आवश्यक जानकारी तक जनता की पहुंच को समाप्त कर देता है। चुनावी प्रक्रिया की अखंडता तेजी से खत्म हो रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इसे बहाल करने में मदद करेगा।
चुनाव आयोग (Election Commission)की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को चुनाव नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया, ताकि सार्वजनिक निरीक्षण के लिए खुले ‘कागजातों’ या दस्तावेजों के प्रकार को प्रतिबंधित किया जा सके। चुनाव अधिकारियों ने आशंका जताई कि मतदान केंद्र के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति देने से इसका दुरुपयोग हो सकता है और मतदाता गोपनीयता से समझौता हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘इस तरह की सभी सामग्री उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध है, जिसमें फुटेज भी शामिल है। संशोधन के बाद भी यह उनके लिए उपलब्ध होगी, लेकिन अन्य लोग ऐसे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए हमेशा अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
इस कदम की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि यह चुनावी प्रक्रिया की ‘तेजी से खत्म होती अखंडता’ के पार्टी के दावे की ‘पुष्टि’ है। उन्होंने कहा कि इस कदम को कानूनी रूप से चुनौती दी जानी चाहिए और सवाल किया कि चुनाव आयोग (Election Commission) ‘पारदर्शिता से क्यों डरता है?