कर्नाटक में 'सत्ता संग्राम' जारी है। सत्ता नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) का भी बयान आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी बुलाकर चर्चा करेंगे। उस चर्चा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Leader Opposition in Lok Sabha, Rahul Gandhi) भी मौजूद रहेंगे।
नई दिल्ली। कर्नाटक में ‘सत्ता संग्राम’ जारी है। सत्ता नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) का भी बयान आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी बुलाकर चर्चा करेंगे। उस चर्चा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Leader Opposition in Lok Sabha, Rahul Gandhi) भी मौजूद रहेंगे। सभी से चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम एक टीम हैं। मैं अकेला नहीं हूं। उन्होंने कहा कि हाईकमान की टीम चर्चा करके निर्णय लेगी।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा सफर पूरा किया है। इसी के बाद सत्ता परिवर्तन की चर्चा फिर तेज हो गई है क्योंकि चुनाव से पहले यह संकेत मिले थे कि ढाई-ढाई साल सत्ता साझा होगी, हालांकि पार्टी ने कभी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की।
शिवकुमार का संदेश- बात पर कायम रहना ही ताकत
ಕೊಟ್ಟ ಮಾತು ಉಳಿಸಿಕೊಳ್ಳುವುದೇ ವಿಶ್ವದಲ್ಲಿರುವ ದೊಡ್ಡ ಶಕ್ತಿ! pic.twitter.com/klregNRUtv
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) November 27, 2025
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उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (Deputy Chief Minister DK Shivakumar) ने भी गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसे राजनीतिक हलकों में कांग्रेस नेतृत्व के लिए संकेत माना जा रहा है। उन्होंने लिखा, ‘वचन की ताकत ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। जो कहा है, उस पर चलना चाहिए- चाहे वह जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं खुद ही क्यों न रहूं।’ उनका पोस्ट ऐसे समय पर आया है जब खुद शिवकुमार ने 29 नवंबर को सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांगा है।
पार्टी के अंदर मतभेद खुलकर सामने
इसी बीच कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री केएन राजन्ना (Congress MLA and former minister KN Rajanna) ने कहा कि अगर पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद है तो विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव कराया जाए। उन्होंने कहा कि जब सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री चुना गया था तो वह कांग्रेस विधायक दल (CLP) का फैसला था। ऐसे में अगला फैसला भी सीएलपी (CLP) को ही करना चाहिए। हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सिद्धारमैया को पूरा कार्यकाल देने का समर्थन किया और दूसरे विकल्प के तौर पर गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर (Home Minister Dr. G. Parameshwara) का नाम भी सामने रखा।
सिद्धारमैया बोले- बेवजह की बहस
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने इस पूरी चर्चा को ‘अनावश्यक बहस’ बताया है। वहीं डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं और उनके इस्तीफे की खबरें सिर्फ अफवाह हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान आने वाले कुछ दिनों में फैसला कर सकता है। अब सभी की निगाहें आगामी बैठक और दिल्ली में होने वाली अहम बातचीत पर टिकी हुई हैं।