संसद में चुनाव सुधारों पर चर्चा जारी है। अमित शाह ने कांग्रेस पर वोट चोरी के आरोप लगाए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि, वोट चोरी की जहां तक बात है, प्रधानमंत्री कौन बनेगा? यह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों के वोट से तय हुआ। उस समय 28 प्रदेश अध्यक्षों ने सरदार पटेल के लिए वोट किया और दो ने पंडित नेहरू के लिए वोट किया था लेकिन पंडित नेहरू प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि, वोट चोरी की तीन घटनाएं बताना चाहता हूं।
नई दिल्ली। संसद में चुनाव सुधारों पर चर्चा जारी है। अमित शाह ने कांग्रेस पर वोट चोरी के आरोप लगाए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि, वोट चोरी की जहां तक बात है, प्रधानमंत्री कौन बनेगा? यह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों के वोट से तय हुआ। उस समय 28 प्रदेश अध्यक्षों ने सरदार पटेल के लिए वोट किया और दो ने पंडित नेहरू के लिए वोट किया था लेकिन पंडित नेहरू प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि, वोट चोरी की तीन घटनाएं बताना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री पद के लिए वोटिंग के दौरान सरदार पटेल को 28 वोट मिले थे और जवाहरलाल नेहरू को दो वोट मिले थे। इसके बाद भी जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने। ये भी वोट चोरी में आता है। दूसरे प्रकार की चोरी: इंदिरा गांधी जी रायबरेली से चुनी गईं। हाईकोर्ट में राजनारायण जी पहुंचे। इलाहबाद हाईकोर्ट ने तय कर दिया कि इंदिरा गांधी ने उचित तरीके से चुनाव नहीं जीता। ये भी वोट चोरी थी। इसके बाद वोट चोरी को ढकने के लिए संसद में कानून लाया गया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई केस नहीं हो सकता। मैं विपक्ष के नेता से कहना चाहता हूं कि इम्युनिटी की बात आप चुनाव आयोग को लेकर कह रहे हैं, लेकिन जो इम्युनिटी इंदिरा जी ने स्वयं के लिए ली थी उस पर आपका क्या कहना है।
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि, तीसरे नंबर की वोट चोरी इस प्रकार कि, श्रीमती गांधी ने अपने आप को इम्युनिटी दी। फिर जब संवैधानिक सुधार का वायरस चढ़ा तो उन्होंने दो, तीन, चार नंबर के जज को बायपास करते हुए जज को सुपरसीड कर लिया और चीफ जस्टिस बता दिया। यह इतिहास तो रिकॉर्ड पर है। योग्यता नहीं लेकिन मतदाता बन गए। अभी अभी एक वाद पहुंचा है दिल्ली की सिविल अदालत में कि सोनिया गांधी इस देश की नागरिक बनने से पहले मतदाता बनीं। मैंने तथ्यात्मक बात कही है। इसका जवाब अदालत में देना है यहां नहीं। यहां जवाब क्यों दे रहे हैं।