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सैन्य अभियान की लाइव कवरेज बैन, 26/11 अटैक और कंधार हाईजैक से सबक लेने की सरकार ने दी सलाह

केंद्र सरकार ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफार्मों और व्यक्तियों से अपील की है कि वे रक्षा अभियानों (Defense Operations) और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के लाइव कवरेज या वास्तविक समय रिपोर्टिंग से बचें। इस तरह की संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा ऑपरेशनल प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है। लोगों की जान को जोखिम में डाल सकता है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफार्मों और व्यक्तियों से अपील की है कि वे रक्षा अभियानों (Defense Operations) और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के लाइव कवरेज या वास्तविक समय रिपोर्टिंग से बचें। इस तरह की संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा ऑपरेशनल प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है। लोगों की जान को जोखिम में डाल सकता है।

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ऐसी घटनाएं, जैसे कि कारगिल युद्ध, 26/11 के हमले (26/11 Attack) और कंधार अपहरण (Kandahar hijack) , यह सिद्ध करती हैं कि अत्यधिक शीघ्र रिपोर्टिंग से न केवल सैन्य अभियानों की सफलता पर असर पड़ सकता है, बल्कि आतंकवादियों को भी लाभ मिल सकता है। इसीलिए, सरकार ने स्पष्ट किया है कि केबल टेलीविज़न नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के धारा 6(1)(p) के तहत केवल आधिकारिक अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय-समय पर ब्रीफिंग की अनुमति दी जाती है, खासकर आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान।

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सभी संबंधित पक्षों को जागरूकता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने का आह्वान किया गया है, ताकि राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों का पालन किया जा सके। यह न केवल देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि नागरिकों के जीवन की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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