दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को शिक्षा के कथित व्यावसायीकरण और निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को व्यवस्थित रूप से बाहर करने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (PIL) के जवाब में दिल्ली सरकार, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को नोटिस जारी किए हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को शिक्षा के कथित व्यावसायीकरण और निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को व्यवस्थित रूप से बाहर करने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (PIL) के जवाब में दिल्ली सरकार, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को नोटिस जारी किए हैं।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले की सुनवाई की, जिन्होंने प्रतिवादियों को अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान वकील अमित प्रसाद ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व किया और अदालत से निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों को निजी प्रकाशकों से महंगी किताबें और अत्यधिक स्कूली सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करने की व्यापक प्रथा के खिलाफ हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, जिससे ईडब्ल्यूएस परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।