दिल्ली में मेयर का चुनाव रोचक होने जा रहा है, क्योंकि भाजपा इस चुनाव में अपना प्रत्याशी उतार सकती है, इसकी संभावना प्रबल है।
नई दिल्ली। दिल्ली में मेयर का चुनाव रोचक होने जा रहा है, क्योंकि भाजपा इस चुनाव में अपना प्रत्याशी उतार सकती है, इसकी संभावना प्रबल है। गुरुवार को मेयर चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख है। बुधवार शाम तक आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों ही पार्टियों की ओर से मेयर प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए गए।
जानकारी मिली है कि आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों दलों ने प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं, लेकिन इनके नाम नामांकन पत्र भरते समय ही सार्वजनिक करना चाह रहे हैं। सिविक सेंटर के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के मुखिया सीएम अरविंद केजरीवाल के न्यायिक हिरासत में जेल जाने के बाद से आप के भीतर खासा अंतरद्वंद्व चल रहा है। एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी का गठन लंबे समय से नहीं हो पाया है, जिसके चलते सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के निगम सदस्यों में भारी असंतोष है।
निगम के विकास कार्य ठप पड़े हैं। इसके चलते निगम सदस्यों को अपने वार्डों की जनता से मिलने जुलने में कठिनाई हो रही है। भाजपा मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति का पूरा लाभ लेना चाह रही है। भाजपा की ओर से ये बात पहले से कही जा रही थी कि यदि मेयर चुनाव में उसे जीत की संभावना नजर आएगी तभी वह चुनाव में प्रत्याशी उतारेगी। बुधवार शाम को अंदरूनी सूत्रों से जानकारी मिली कि भाजपा मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए प्रत्याशी उतार सकती है, लेकिन पूरी स्थिति नामांकन पत्र दाखिल होने के बाद ही साफ हो पाएगी।
26 अप्रैल को होगा चुनाव
मेयर का चुनाव 26 अप्रैल की सुबह 11 बजे से शुरू होगा। इसमें दिल्ली नगर निगम के 250 सदस्य, दिल्ली के 7 सांसद, 3 राज्यसभा सदस्य और 14 विधायक हिस्सा लेंगे। यदि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों दलों के प्रत्याशी चुनाव में हिस्सा लेंगे तो इस दिन फिर से निगम सदन के अंदर भारी कोलाहल देखने को मिल सकता है।
इससे पहले दो बार हुए मेयर पद के चुनाव में और निगम सदन की बाकी सभी बैठकों में जमकर हंगामा देखने को मिला है। किसी भी बैठक में निगम से जुड़े विकास कार्यों पर चर्चा नहीं हो पाई है, लेकिन इस बार के सदन की मीटिंग में ये देखना दिलचस्प होगा कि पहले जहां सदन में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिखाई देते थे, वहीं इस बार कांग्रेस के सदस्यों ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का निर्णय लिया है, इसलिए उम्मीद है कि गठबंधन दल इस बार ज्यादा मजबूती के साथ नजर आएगा।
कांग्रेस सदस्यों का सिटिंग प्लान बदल जाएगा
आम आदमी पार्टी को समर्थन देने के बाद कांग्रेस के सदस्यों का निगम सदन में सिटिंग प्लान बदल जाएगा। पहले कांग्रेस दल के सदस्य विपक्ष में शामिल होते थे, तब ये सदन में बांयी तरफ सबसे आगे बैठते थे, लेकिन आप को समर्थन देने के बाद इन्हें आप के पीछे बैठना पड़ेगा।