परिसीमन आयोग का दल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचा है। यह दल उपायुक्तों (डीसी), राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से मुलाकात करेगा। इस दौरान उनसे केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निधारण को लेकर उनकी राय जानेगा।
श्रीनगर । परिसीमन आयोग का दल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचा है। यह दल उपायुक्तों (डीसी), राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से मुलाकात करेगा। इस दौरान उनसे केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निधारण को लेकर उनकी राय जानेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परिसीमन आयोग मंगलवार को अपराह्न में यहां पहुंचा। आयोग में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा और उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि आयोग राजनीतिक दलों, राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के अधिकारियों, उपायुक्तों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्यों और नागरिक समाज समूहों से मुलाकात करेगा और विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया पर उनकी राय जानेगा।
परिसीमन आयोग के साथ होने वाली बैठकों के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस, अपनी पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और नेशनल पैंथर्स पार्टी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने बताया कि पार्टी का पांच सदस्यीय दल परिसीमन आयोग से मुलाकात करेगा।
इसी बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने परिसीमन आयोग की बैठकों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पीडीपी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने आयोग की बैठकों में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाला आयोग जम्मू-कश्मीर में नए निर्वाचन क्षेत्रों को बनाने के लिए राजनीतिक नेताओं और नागरिक समाज समूहों, उपायुक्तों और पंचायती राज संस्थान के सदस्यों के साथ बातचीत करेगा।
इससे पहले पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी ) ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर हुई बैठक में आयोग की बैठक के बारे में फैसला करने का निर्णय गठबंधन में शामिल घटक दलों पर छोड़ दिया गया था।